विद्युत पेंशनर्स परिषद वाराणसी का पंचम द्विवार्षिक अधिवेशन सम्पन्न, पेंशनरों ने उठाई कैशलेस चिकित्सा सुविधा की मांग
विद्युत पेंशनर्स परिषद, उत्तर प्रदेश वाराणसी क्षेत्र का पंचम द्विवार्षिक अधिवेशन शनिवार को भव्य रूप से महमूरगंज स्थित एक लॅान में आयोजित किया गया
वाराणसी, भदैनी मिरर। विद्युत पेंशनर्स परिषद, उत्तर प्रदेश वाराणसी क्षेत्र का पंचम द्विवार्षिक अधिवेशन शनिवार को भव्य रूप से महमूरगंज स्थित एक लॅान में आयोजित किया गया. दो सत्रों में चले इस अधिवेशन के उद्घाटन सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क), रविंद्र जायसवाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई. इस मौके पर बड़ी संख्या में पेंशनर, पारिवारिक पेंशनर, वरिष्ठ पदाधिकारी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में विद्युत पेंशनरों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता इंजीनियर ए.के. सिंह ने की, जबकि संचालन आर.के. वाही द्वारा किया गया. परिषद के महासचिव अतिन गांगुली ने 11 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए प्रस्तुत किया. वक्ताओं ने प्रमुख रूप से कैशलेस चिकित्सा सुविधा को जल्द लागू करने और एलएमवी-10 की सुविधा को बनाए रखने की मांग की. इसके अतिरिक्त, चिकित्सा भत्ते को 200 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई.
अन्य मांगों में 20 वर्षों की सेवा पर पूर्ण पेंशन लागू करने, आश्रित बच्चों की चिकित्सा एवं पेंशन सुविधा की आयु सीमा को 35 वर्ष तक बढ़ाने, सेवानिवृत्ति के समय अवकाश नकदीकरण को आयकर से मुक्त करने, और पेंशन पर आयकर छूट देने की मांग शामिल थी. इसके साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्डएज होम्स की स्थापना और संचालन की व्यवस्था भी सरकार से करने की अपील की गई.
विशिष्ट अतिथि निदेशक कार्मिक, ई. आर.के. जैन ने पेंशनरों की मांगों के शीघ्र निस्तारण का भरोसा दिलाया. अधिवेशन में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की भी मांग उठाई गई. स्वागताध्यक्ष आर.वी. सिंह ने सभी अतिथियों का माला पहनाकर स्वागत किया. महासचिव ने पिछले सत्र में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया और वित्त सचिव ने आय-व्यय की रिपोर्ट दी। सम्मेलन में वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया गया और सरदार भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
अधिवेशन के अंत में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया और प्रबन्ध निदेशक (आईएएस शम्भू कुमार) ने मांगों के निस्तारण का आश्वासन दिया.