मेनहोल में फंसे मजदूर का मिला शव,  NDRF ने संयुक्त रुप से चलाया 18 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन, 2 महीने बाद थी शादी...

Dead body of laborer trapped in manhole was found NDRF jointly conducted 18 hours rescue operationमेनहोल में फंसे मजदूर का मिला शव,  NDRF ने संयुक्त रुप से चलाया 18 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन, 2 महीने बाद थी शादी...

मेनहोल में फंसे मजदूर का मिला शव,  NDRF ने संयुक्त रुप से चलाया 18 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन, 2 महीने बाद थी शादी...

वाराणसी,भदैनी मिरर। लहुराबीर चौराहे पर मेनहोल की सफाई के दौरान सोमवार की दोपहर करीब 2 बजे रस्सी टूटने से फंसे युवा मजदूर नबाब का शव मंगलवार की सुबह 6 बजे काफी मशक्कत से निकाला गया। मजदूर का शव लोहे के प्लेट में फंसने और सीवर में पानी का अत्यधिक दबाब होने के कारण अग्निशमन दल और एनडीआरएफ असहाय थी। मंगलवार की सुबह 6 बजे मजदूर के शव को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

दो महीने बाद थी शादी

मामा हयात ने बताया कि नवाब 13 दिन पहले बनारस आया था। यहां उसे हर रोज 500 रुपये मजदूरी मिलती थी। वह अपने परिवार का इकलौता कमाऊ बेटा था। मुझसे काम के लिए बोला तो मैं उसे लेकर आया। वह कई सालों से मैनहोल के अदर का काम कर रहा था। उसकी शादी दो माह बाद होनी थी। वह शादी के लिए पैसे जुटा रहा था।

कोनिया में रहता था नवाब

पश्चिम बगाल के मालदा जिले के मूल निवासी नबाब सरिष दो साल पहले शाही नाले की सफाई का काम करने बनारस आया था। एक साल तक काम के बाद वह पंजाब में किसी अन्य साथियों के साथ काम करने चला गया था। लेकिन दो हफ्ते पहले वह बनारस आया और कोनिया में मामा हयात अली के साथ रहने लगा।

करीब 18 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट असीम उपाध्याय ने बताया कि मजदूर जब नीचे उतरा तो उसका पैर लोहे की प्लेट के बीच फंस जाने और पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण वह ऊपर नहीं आ पाया। पानी का प्रेशर बहुत ज्यादा होने के कारण उसका रेस्क्यू नहीं हो पा रहा था। जहां आज सुबह 6 बजे मजदूर नवाब के शव को बाहर निकाला गया। इस ऑपरेशन में तकरीबन 17-18 घंटे का समय लगा। मजदूर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि नवाब के परिवार में उसके माता-पिता व एक भाई है।