सवाल 1 हजार दृष्टिबाधित छात्रों के भविष्य का: हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय बंद होने से नाराज दिव्यांगों ने किया प्रदर्शन, उद्योगपतियों पर लगाये आरोप...

दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अन्धविद्यालय यूपी के मात्र चार दिव्यांग विद्यालय में सबसे बड़ा है। काशी में होने के नातें यहां दिव्यांगों को बेहतर शिक्षा और दीक्षा मिलती थी। अचानक बंद होने से कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों के सामने संकट आ गया है।

सवाल 1 हजार दृष्टिबाधित छात्रों के भविष्य का: हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय बंद होने से नाराज दिव्यांगों ने किया प्रदर्शन, उद्योगपतियों पर लगाये आरोप...

वाराणसी,भदैनी मिरर। यूपी के मात्र चार दिव्यांग विद्यालयों में शामिल वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय के अचानक बंद होने से दिव्यांग छात्र आंदोलित है। वह क्रमवार आंदोलन कर शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे है। सोमवार को अंध विद्यालय के दिव्यांग छात्रों ने बीएचयू गेट पर नारेबाजी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय की ओर बढ़े तो एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने रोक दिया। दिव्यांग छात्रों की मांग थी कि प्रधानमंत्री एक तरफ हमें दिव्यांग कहकर सहानुभूति दिखाते है तो दूसरी ओर हमारे शिक्षा पर संकट मंडराने लगा है, आखिर हम कहा जाए। पुलिस ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनका ज्ञापन पीएम के संसदीय कार्यालय उनके माध्यम से चला जायेगा, जिसके बाद छात्र माने।  


दिव्यांग छात्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ 4 अंध विद्यालय हैं। हमारे अंध विद्यालय के ट्रस्टी 18 उद्योगपति हैं। इस विद्यालय को सरकारी अनुदान भी मिलता है। इसके बावजूद कोरोना काल में सभी ट्रस्टी ने बैठक की और अचानक विद्यालय बंद करने का निर्णय ले लिया। उनका कहना है कि उन्हें केंद्र और प्रदेश सरकार से स्कूल चलाने के लिए पर्याप्त फंड नहीं मिल पा रहा है, जबकि ऐसा नहीं हैं। स्कूल बंद हो जाने से हम 1000 दृष्टि बाधित छात्र कहां जाएं। कम से कम स्कूल में पढ़ाई कर हमारे स्वावलंबन की राह तो खुली हुई थी। ट्रस्ट से जुड़े उद्योगपतियों ने अपने कारोबार के लिए विद्यालय को बंद किया है। वह सब अब विद्यालय की करोड़ों रुपये की संपत्ति बेंच कर वहां होटल या कोई अन्य कारोबार खड़ा करेंगे।