नवरात्रि: आध्यात्मिक ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र बनेगा काशी का यह पूजा पंडाल, अनोखी थीम पर हो रही तैयारी
इस वर्ष भी काशीवासियों की निगाहें प्रीमियर बॉयज क्लब पर टिकी हैं, कि वे किस विश्वस्तरीय संरचना की प्रतिकृति के रूप में पंडाल पेश करेंगे. क्लब की कार्यकारिणी ने व्यापक चर्चा के बाद सर्वसम्मति से वाराणसी स्थित स्वर्वेद मंदिर की थीम पंडाल स्थापित करने का निर्णय लिया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी नगरी को धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने में प्रीमियर बॉयज क्लब ने एक खास पहचान बनाई है. हर साल नवरात्रि के अवसर पर विशेष पंडाल की स्थापना के लिए प्रसिद्ध इस क्लब को देश-विदेश में मान्यता मिली है. पिछले साल, क्लब के पंडाल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा देश के सर्वश्रेष्ठ पंडालों में से एक के रूप में चयनित किया गया और इसके लिए काशीवासियों को प्रशस्ति पत्र भी मिला.
इस वर्ष भी काशीवासियों की निगाहें प्रीमियर बॉयज क्लब पर टिकी हैं, कि वे किस विश्वस्तरीय संरचना की प्रतिकृति के रूप में पंडाल पेश करेंगे. क्लब की कार्यकारिणी ने व्यापक चर्चा के बाद सर्वसम्मति से वाराणसी स्थित स्वर्वेद मंदिर की थीम पर पंडाल स्थापित करने का निर्णय लिया है.
स्वर्वेद मंदिर थीम का चयन क्यों?
क्लब के अनुसार, वर्तमान वैश्विक स्थिति, जहां अशांति, अराजकता, अन्याय और अमानवीयता व्याप्त है, उसका स्थायी समाधान आध्यात्मिक ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा में निहित है. स्वर्वेद मंदिर एक ऐसा केंद्र है जहां व्यक्ति ध्यान योग के माध्यम से अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत कर सकता है. यह मंदिर न केवल भारत, बल्कि दुनिया के 35 देशों में लाखों लोगों के जीवन को आध्यात्मिक चेतना से जोड़ चुका है.
आध्यात्मिकता और सेवा का संगम
स्वर्वेद मंदिर, जिसे विहंगम योग के प्रणेता अमर योगी अनंत सदगुरु सदाफलदेव जी महाराज द्वारा स्थापित किया गया, मानव कल्याण और सेवा के लिए प्रेरित करता है. यह वेद और विज्ञान के संगम का केंद्र है, जहां आध्यात्मिक चेतना के साथ-साथ मानव सेवा के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, वृद्धाश्रम और गोशाला जैसी व्यवस्थाएं भी हैं.
प्रीमियर बॉयज क्लब का मानना है कि स्वर्वेद मंदिर की प्रतिकृति नवरात्रि के दौरान स्थापित करके, वे न केवल काशी बल्कि पूरे देश और दुनिया को आध्यात्मिकता और मानव सेवा का संदेश देंगे. सदगुरु महाराज स्वतंत्रदेव जी के आशीर्वाद से यह पंडाल काशीवासियों के लिए एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव प्रस्तुत करेगा.