बच्चों ने शहीद दिवस पर चित्रकला के माध्यम से शहीदों को किया याद, सेनानियों को किया नमन...

Children remember martyrs through painting on Martyrs Day salute the fightersबच्चों ने शहीद दिवस पर चित्रकला के माध्यम से शहीदों को किया याद, सेनानियों को किया नमन...

बच्चों ने शहीद दिवस पर चित्रकला के माध्यम से शहीदों को किया याद, सेनानियों को किया नमन...

वाराणसी,भदैनी मिरर। ऋषिकल्प सोसायटी “अक्षर पाठशाला” की ओर से शहीद दिवस के अवसर पर ब्रम्हा घाट स्थित काशी धाम संग्रहालय में भारत के तीन सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर आयोजित चित्रकला, निबन्ध और वीर रस प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया। इस दौरान कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बबिता चन्देल ने छात्रों की प्रतिभा को सराहा। 

संस्था के संस्थापक गोविंद सिंह ने अपने व्याख्यान में कहा कि 23 मार्च, 1931 की मध्यरात्रि को अंग्रेज़ी हुकूमत ने भारत के तीन सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटका दिया था। इन तीनों वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए ही शहीद दिवस या बलिदान दिवस के रूप में हम जानते हैं। 

प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थानों प्राप्त करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संयोजक एवं संचालन शिखर सेठ ने किया। कार्यक्रम में ऋषिकल्प सोसायटी के सदस्य एवं छात्रों का समूह हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शुभम अग्रहरि, ललित विश्वकर्मा, शिखर सेठ, शिवकुमार वर्मा, मृदुल सिंह, सन्दीप सैनी, गोविंद सिंह, अमन चन्देल, बाल कृष्ण, आयुष, तनु गोस्वामी, विशाल सिंह, शिवम, अभिषेक आदि लोगों ने सहभागिता निभाई है।