गंगा का विध्वंसकारी रुप: खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा, बढ़ाव जारी, राहत शिविरों में पहुंच रहे लोग..

गंगा का विध्वंसकारी रुप: खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा, बढ़ाव जारी, राहत शिविरों में पहुंच रहे लोग..

वाराणसी, भदैनी मिरर। गंगा में आई बाढ़ अब विध्वंसकारी रुप अख्तियार कर ली है। सोमवार को गंगा का जलस्तर खतरें के निशान 71.262 से 12 सेमी ऊपर 71.38 मीटर पर बह रही है।  बात यह है कि सोमवार को जलस्तर प्रतिघंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। वहीं, गंगा के पलट प्रवाह की वजह से वरुणा भी तेजी से उफनाई हैं। वाराणसी में इन दोनों नदियों में आई बाढ़ की वजह से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले हजारों लोग मुश्किलों में घिर गए हैं। एनडीआरएफ की 11वीं वाहिनी का राहत और बचाव दल लगातार चक्रमण कर रहा है। 


गंगा किनारे सामने घाट क्षेत्र की कॉलोनियों में रहने वाले और वरुणा किनारे के दर्जन भर मुहल्लों के लोग अपना घर छोड़ कर पलायन को मजबूर हो गए हैं। घरों में पानी भरने के कारण इन इलाकों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। प्रत्येक वर्ष गंगा और वरुणा में बाढ़ के कारण इन इलाकों के लोगों को अपना घर छोड़कर एक से डेढ़ माह तक दूसरे के घरों में या फिर राहत शिविरों में शरण लेना पड़ता है। वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने घरों की छतों पर ही ठिकाना बना कर रहते हैं और एनडीआरएफ या फिर प्रशासन की ओर से बंटने वाली राहत सामग्री के सहारे गुजर-बसर करते हैं।


लगभग 10 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित


गंगा और वरुणा की तरह ही गोमती और नाद नदी में भी बाढ़ आई है। गोमती और नाद नदी के बीच बसा पियरी गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है। गोमती नदी के बाढ़ के पानी से धौरहरा बाजार और भोगला मार्ग जलमग्न हो गया है। इसके अलावा गंगा और वरुणा में बाढ़ के चलते अंबा, जाल्हूपुर, सिंहवार, सरायमोहाना, चांदपुर, सरसौल, जाल्हूपुर, कोइराजपुर, चमाव, गोसाईपुर सहित दर्जनों गांवों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जिले की लगभग 10 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है। गांव, ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर के सभी अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की समस्याएं गंभीरता से सुनने और तत्काल समाधान कराने का निर्देश दिया गया है। राहत और बचाव कार्य के साथ ही राहत शिविरों में सुविधाओं को लेकर लापरवाही बरतने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारी किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे।