काशी में बसने लगा बेगमपुरा, जत्थे में पहुंचने लगे रैदासी, प्रशासन ने की तैयारियों की समीक्षा...
वाराणसी,भदैनी मिरर। संत रविदास की जयंती सीरगोवर्धन में उनकी जन्मस्थली पर 27 फरवरी को मनाई जायेगी। हरवर्ष देश ही नही बल्कि विदेशों से भी लाखों रैदासी माथा टेकने पहुचते है। पखवारे भर पहले से ही सीर गोर्वधन बेगमपुर का एहसास करती है। अलग अलग पंडालों में गुरु की आराधना में तल्लीन रैदासी कहीं खजरी पर झूमते नज़र आने लगे है, तो कहीं गुरु की अमृतवाणी सुनाई दे रही है।
शनिवार को एडीएम सिटी गुलाबचंद और एसपी सिटी विकासचन्द्र त्रिपाठी ने मंदिर समिति के सदस्यों साथ बैठक की। इस दौरान एडीएम सिटी ने साफ-सफाई से लेकर कोरोना गाइडलाइन के विन्दुओं पर चर्चा की। साथ ही शहर में रविदास जयंती पर निकलने वाली रैलियों के बारे में भी जानकारी हासिल की। बैठक के बाद रैदासियों के लिए बने टेंट आश्रय का भ्रमण किया। इस दौरान जयंती में बाहर से आने वाले रैदासियों की संख्या पूछते हुए एडीएम सिटी ने कहा कि प्रशासन अपने स्तर पर समय से पहले सभी तैयारियां पूरी कर लेगी।
सुरक्षा व्यवस्था के होंगे कड़े इंतजाम
एसपी सिटी विकास चन्द्र त्रिपाठी ने बैठक में सुरक्षा व्यवस्था के हर पहलुओं पर जानकारी ली। इसके साथ ही आयोजकों द्वारा मंदिर की ओर से लगे सीसीटीवी कैमरे की जानकारी लेने के साथ ही सेवादारों द्वारा आने-जाने वाले लोगों को मेटल डिटेक्टर से चेक करने के बारे में भी पूछा। साथ ही अभी से स्थानीय लंका पुलिस को तैयारियां शुरु करने के साथ एलआईयू को छोटी-बड़ी सूचनाओं पर गम्भीर दृष्टि रखने को मुस्तैद कर दिया है।
इस वर्ष संख्या रहेगी कम, ऑनलाइन जुड़ने को एनआरआई से की अपील
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने इस वर्ष एनआरआई से अपील की गई है की वो ऑनलाइन ही पर्व से जुड़े। हर वर्ष विदेशों से आने वाले एनआरआई अपने आराध्य संत रविदास की पालकी को कन्धे पर लेकर चलने को आतुर रहते है। मंदिर प्रबंधन निर्मल सिंह ने बताया कि सैडकों सेवादार पहुंच चुके है, और अब हर रोज सेवादारों और रैदासियों के आने का सिलसिला शुरु हो जाएगा। सभी सेवादारों के पहुंचने के बाद 23 फरवरी से लंगर शुरु कर दिया जाएगा।