एपेक्स बना भारत का दूसरा कैंसर रिहैबिलिटेशन सेंटर, यह सुविधा उपलब्ध...
फोटोबोमोड्यूलेशन की इस प्रक्रिया द्वारा विकिरण प्रेरित म्यूकोसाइटिस, कैंसर दर्द आदि के इलाज के लिए यह सबसे उन्नत तकनीक है और वर्तमान में मेमोरियल स्लोन एंड कैटरिंग, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, बर्मिंघम, कॉम्पटन धर्मशाला, क्वींसलैंड, रॉयल नेवी, रॉयल एयरफोर्स, अमेरिकी सेना, सेंट लुइस, लिवरपूल,मॉन्ट्रियल आदि अन्तराष्ट्रीय हॉस्पिटल द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है।
वाराणसी/भदैनी मिरर। एपेक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल कैंसर इलाज के दौरान एवं उसके बाद होने वाले साइड इफ़ेक्ट का इलाज करने के उद्देश्य से स्थापित कैंसर रिहैबलिटेशन सेण्टर अब क्लास-3बी थॉर-लेज़र इंस्टालेशन के साथ भारत का दूसरा कैंसर रिहैबलिटेशन सेन्टर बन गया है। एपेक्स से पूर्व यह सुविधा केवल मनिपाल हॉस्पिटल में ही उपलब्ध थी। फोटोबोमोड्यूलेशन की इस प्रक्रिया द्वारा विकिरण प्रेरित म्यूकोसाइटिस, कैंसर दर्द आदि के इलाज के लिए यह सबसे उन्नत तकनीक है और वर्तमान में मेमोरियल स्लोन एंड कैटरिंग, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, बर्मिंघम, कॉम्पटन धर्मशाला, क्वींसलैंड, रॉयल नेवी, रॉयल एयरफोर्स, अमेरिकी सेना, सेंट लुइस, लिवरपूल,मॉन्ट्रियल आदि अन्तराष्ट्रीय हॉस्पिटल द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है।
एपेक्स की निदेशिका रेडिएशन ओंकोलोजिस्ट डॉ अंकिता सिंह पटेल ने इस सम्बंध में बताया कि एपेक्स अब कैंसर रिहैब कंसलटेंट डॉ दिब्येंदु रॉय की देखरेख इस तकनीक द्वारा रेडिएशन इंड्यूस्ड म्यूकोसाइटिस, ज़ेरोस्टोमिया, कैंसर से संबंधित दर्द, मुहं सूखना, मुहं में छाले आदि के उपचार हेतु एक उत्कृष्ट कैंसर पुनर्वास केंद्र बन गया है। इस अवसर पर एपेक्स के रेडिएशन ओंकोलोजिस्ट डॉ नेहा गुप्ता, डॉ गौरव गोस्वामी एवं ऑक्यूपेशनल थेरापिस्ट डॉ सौम्याश्री उपस्थित रहे।