नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप सिद्ध: 10 साल की कठोर कैद और अर्थदंड से दंडित, मुंबई ले जाकर करता रहा यौन शोषण...
विशेष लोक अभियोजक संदीप कुमार जायसवाल के मुताबिक वादी की 13 वर्षीय पुत्री 22 मार्च 2014 को शाम 6:30 बजे दर्शन-पूजन करने के लिए घर में मां को बोलकर चली गई थी। उसके बाद वापस नहीं लौटी परिचितों रिस्तेदारो व अन्य संभावित स्थानों पर खोजा गया। जब वह नहीं मिली तो आदमपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी।
वाराणसी, भदैनी मिरर। विशेष न्यायाधीश पास्को (तृतीय) शैलेन्द्र सिंह की अदालत ने 13 वर्षीय बालिका को अपरहण कर दुराचार के आदमपुर के मामले में अभियुक्त चंदवकपुर जौनपुर निवासी अभियुक्त विष्णु चौबे उर्फ गुड्डू को दोषी पाते हुए दस वर्ष की कड़ी कैद व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि में से आधी धनराशि पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रुप में दिये जाने का कोर्ट ने आदेश दिया।
विशेष लोक अभियोजक संदीप कुमार जायसवाल के मुताबिक वादी की 13 वर्षीय पुत्री 22 मार्च 2014 को शाम 6:30 बजे दर्शन-पूजन करने के लिए घर में मां को बोलकर चली गई थी। उसके बाद वापस नहीं लौटी परिचितों रिस्तेदारो व अन्य संभावित स्थानों पर खोजा गया। जब वह नहीं मिली तो आदमपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी। विवेचना के दौरान अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। पीडिता ने अपने कलमबंद बयान में कहा कि अभियुक्त ठेले पर पापड़ छोला बेचता था और जिस मकान पर वह किराये पर रहती थी। वहीं पर अभियुक्त विष्णु भी रहता था। घटना वाले दिन कहा कि चलो अपने मम्मी से बलूआ बीर वाले मंदिर पर मिलवाते है।
टेम्पो से चौबेपुर अपने बुआ की लड़की के घर लेतें गया और वहा से फिर मुम्बई लेते चला गया। इस दौरान उससे दुराचार करता था। दबाव बनाने के लिए पुलिस ने उसके पिता को हिरासत में लिया तब वह आरोपित के भाई के थाने में खुद गयी। अदालत ने विचारण में के दौरान पाया कि अभियुक्त बालिका को बहकाकर भगा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी ठहराया और दस वर्ष की सजा सुनाई।