हिंदी को बढ़ावा देने के लिए आयोजित होगा 3 दिवसीय लमही  महोत्सव, कमिश्नर ने पेंटिंग प्रतियोगिता लगाने के भी दिए निर्देश...

आगामी 29, 30 व 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद्र के जन्मस्थली ग्राम लमही में भव्य "लमही महोत्सव" का आयोजन होगा. जिसके अंतर्गत स्कूली बच्चों द्वारा प्रभातफेरी के साथ-साथ संगोष्ठी, क्विज प्रतियोगिता, कहानी, काव्य, चित्रकला प्रतियोगिता व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

हिंदी को बढ़ावा देने के लिए आयोजित होगा 3 दिवसीय लमही  महोत्सव, कमिश्नर ने पेंटिंग प्रतियोगिता लगाने के भी दिए निर्देश...

वाराणसी, भदैनी मिरर। आगामी 29, 30 व 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद्र के जन्मस्थली ग्राम लमही में भव्य "लमही महोत्सव" का आयोजन होगा. जिसके अंतर्गत स्कूली बच्चों द्वारा प्रभातफेरी के साथ-साथ संगोष्ठी, क्विज प्रतियोगिता, कहानी, काव्य, चित्रकला प्रतियोगिता व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. 30 एवं 31 जुलाई को महात्मा गांधी काशीविद्यापीठ में संगोष्ठी आयोजित किए जाएंगे. जिसमें वाराणसी के विश्वविद्यालयों के प्रोफ़ेसर, विद्वतजन एवं रिसर्च स्कॉलर भाग लेंगे. संगोष्ठी प्रेमचंद्र अध्यापक के रूप मे, पत्रकार के रूप में एवं प्रेमचंद स्मृतियों में विषयक तीन सत्रों में आयोजित किए जाएंगे.

कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को उनके सभागार में "लमही महोत्सव" आयोजन किए जाने के संबंध में आवश्यक बैठक हुआ. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने लमही महोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को इस तरह आयोजित किए जाने पर जोर दिया, जिससे हिंदी को बढ़ावा मिले. उन्होंने युवा रचनाकारों से हिंदी में उनकी रचनाएं आमंत्रित किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि अच्छे रचनाकारों को पुरस्कृत किया जाए. हिंदी को प्रोफेशन के रूप में बनाए जाने पर विशेष जोर दिया जाए. उन्होंने जिला संस्कृति अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के आर्ट गैलरी में महोत्सव के दौरान पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित किए जाने पर जोर दिया.

केंद्र सरकार द्वारा मुंशी प्रेमचंद्र के लमही आवास को म्यूजियम के रूप में विकसित किए जाने की योजना की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यदि उनके दावेदारों द्वारा इसकी सहमति दे दी जाए तो इस पर कार्य किया जाएगा. लेकिन म्यूजियम बनने के बाद वह सार्वजनिक संपत्ति हो जाएगी. बैठक में अपर नगर आयुक्त, पर्यटन अधिकारी, संस्कृति अधिकारी, अन्य विभागीय अधिकारी सहित काशी हिंदू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर एवं साहित्यकार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.