मंडी शुल्क के खिलाफ व्यापारियों की हुंकार, मशाल जुलूस और बाइक रैली निकालकर जताएंगे अपना विरोध...

Traders will express their protest against Mandi fee by taking out torch procession and bike rallyमंडी शुल्क के खिलाफ व्यापारियों की हुंकार, मशाल जुलूस और बाइक रैली निकालकर जताएंगे अपना विरोध...

मंडी शुल्क के खिलाफ व्यापारियों की हुंकार, मशाल जुलूस और बाइक रैली निकालकर जताएंगे अपना विरोध...
पत्रकारवार्ता को संबोधित करते व्यापारीगण।

वाराणसी, भदैनी मिरर। एक राष्ट्र, एक टैक्स, एक बाजार का नारा देने वाली सरकार व्यापारियों के साथ अन्याय और उत्पीड़न करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती। व्यापारियों की लम्बी लड़ाई के बाद 8 जून वर्ष 2020 को पूरे देश से मण्डी शुल्क हटाया गया मगर उसे 10 दिसम्बर 2021 को लागू कर दिया गया है। इसके विरोध में सभी व्यापारी एकजुट हो गए है और सरकार के खिलाफ हम पहले नए वर्ष पर मछोदरी पार्क से आजाद पार्क तक शाम 5 बजे मशाल जुलूस निकालेंगे और फिर बाइक रैली 2 जनवरी को सुबह 10 बजे मछोदरी पार्क से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक निकालकर अपना विरोध दर्ज करवाएंगे। उक्त बातें पत्रकारवार्ता के दौरान व्यापारियों ने पराड़कर भवन में कही।

व्यापारियों का होगा उत्पीड़न

वाराणसी किराना व्यापार समिति के महामंत्री अशोक कसेरा ने कहा कि सटे अन्य पड़ोसी राज्यों में मंडी शुल्क न होने से यहाँ से ग्राहकों का पलायन होगा साथ ही महंगाई का अतिरिक्त भार भी पड़ेगा।  उन्होंने कहा कि अधिकारीराज का आगमन होने से  व्यापारियों का उत्पीड़न और शोषण होगा।

GST की विसंगतियों से उबर नहीं पाए 

व्यापारियों ने कहा कि अभी हम वस्तु एवं सेवाकर (GST) की विसंगतियों से उबर नहीं पाए है। सरकार हर महीने नए संशोधन कर रही है, न सरकार संतुष्ट है और न ही व्यापारी। अब नए मंडी शुल्क से व्यापारी क्या करें एक बिल जीएसटी, एक बिल मण्डी काटे जिसमें 9आर, 6आर, गेट पास जैसी कई प्रकार की समस्यायें हैं। व्यापारियों ने मांग किया कि मण्डी  शुल्क किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है और ना हम करेंगे। हम सभी व्यापारी उत्तर प्रदेश सरकार से ये मांग करते हैं कि मण्डी शुल्क तत्काल प्रभाव से वापस हो, अगर सरकार व्यापारियों की मांग स्वीकार नहीं करती तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को क्षति उठानी पड़ सकती है। सरकार अगर व्यापारियों की जायज मांग पर ध्यान नहीं देती है तो व्यापारी आगे और आंदोलन के लिये मजबूर होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। 

एक साथ आये सभी व्यापारी

इस आंदोलन में किराना, गल्ला, तिलहन, सुर्ती, सुपाड़ी, लकड़ी एवं अन्य संगठनों एकजुट हुए है जिसमें काशी खाद्य व्यापार मण्डल, विशेश्वरगंज व्यापार मण्डल, विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मण्डल, दी काशी किराना व्यापार मण्डल, काशी गल्ला फड़िया संघ, सुर्ती व्यापारी संघ, काशी व्यापार प्रतिनिधि मण्डल, महानगर उद्योग व्यापार समिति, दाल मिल कल्याण समिति और सुपाड़ी एवं लकड़ी व्यवसायी शामिल है जो 500 बाइक लेकर प्रधानमंत्री जनसम्पर्क कार्यालय तक जाएंगे।