एडीसीपी महिला अपराध ने महिला सिपाहियों संग की गोष्ठी, बोलीं- नवयुवतियों को जागरूक करने से कम होंगे अपराध...

महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराध तथा कार्यस्थल पर महिलाओ का लैंगिक उत्पीड़न सहित विभिन्न विषयों पर वाद-संवाद गोष्ठी कर कमिश्नरेट वाराणसी के समस्त थानो, रिजर्व पुलिस लाइन व पुलिस कार्यालय से गोष्ठी में प्रतिभाग करने वाली महिला आरक्षियों को महिला सशक्तिकरण जैसे महिला सुरक्षा,

एडीसीपी महिला अपराध ने महिला सिपाहियों संग की गोष्ठी, बोलीं- नवयुवतियों को जागरूक करने से कम होंगे अपराध...

वाराणसी, भदैनी मिरर। महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराध तथा कार्यस्थल पर महिलाओ का लैंगिक उत्पीड़न सहित विभिन्न विषयों पर वाद-संवाद गोष्ठी कर कमिश्नरेट वाराणसी के समस्त थानो, रिजर्व पुलिस लाइन व पुलिस कार्यालय से गोष्ठी में प्रतिभाग करने वाली महिला आरक्षियों को महिला सशक्तिकरण जैसे महिला सुरक्षा, महिला स्वावलंबन और महिला सम्मान के प्रति जन जागरूकता हेतु उत्साहवर्धन किया गया. इस दौरान एडीसीपी महिला अपराध ममता रानी, एसीपी महिला अपराध प्रज्ञा पाठक, लखनऊ की संस्था आली (AALI) की कार्यकारी निदेशक रेनू मिश्रा, मंडलीय सलाहकार यूनीसेफ उ0प्र0 की रिजवाना परवीन, संरक्षण अधिकारी जिला बाल कल्याण इकाई वाराणसी निरूपमा सिंह के साथ लगभग 200 की संख्या में महिला आरक्षी इस संगोष्ठी में शामिल रहे.

इस दौरान एडीसीपी महिला अपराध ममता रानी ने महिलाओ के प्रति हिंसा व अपराध के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के विरुद्ध हिंसा जैसे चरित्र हनन, बाहर जाने पर पाबंदी, शिक्षा से वंचित रखना, लैंगिक छेड़छाड़, बाल विवाह, औरतों का मीडिया में गलत चित्रण, भ्रूण हत्या, कार्यस्थल पर लैंगिक हिंसा, विधवा उत्पीड़न, जबरन शादी जैसी समस्याएं आज हमारे समाज में बहुतायत से व्याप्त हैं. इन समस्याओं पर हमें आवाज उठाने के लिए महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा. भारतीय दण्ड संहिता में वर्णित कानूनों एवं कार्यस्थल पर महिलाओ का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध व परितोष) अधिनियम, 2013 की जानकारी देते हुए बताया गया कि यदि किसी महिला के स्पष्ट रूप से मना कर दिये जाने के बावजूद बार-बार किसी व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत बातचीत का बढ़ावा देता है या पीछा करता है या 14 सेकेण्ड तक देखता है या फिर सम्पर्क करने का प्रयास करता है, इसे भारतीय दण्ड संहिता में अपराध माना गया है. यदि वह महिला कंप्लेंट करती है तो आईपीसी की धारा 354डी के तहत उस व्यक्ति को दण्डित किया जा सकता है. किसी भी महिला के साथ कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न हो रहा है तो अपनी शिकायत आंतरिक समिति में कर सकती है और अगर वह किसी कारण बस असमर्थ है तो वह अपनी शिकायत अपने मित्र, सहकर्मी, दोस्तों के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवाकर समस्या का समाधान कर सकती है. नारी को हमारे शास्त्रों मे देवतुल्य स्थान मिला है।

संरक्षण अधिकारी जिला बाल कल्याण इकाई वाराणसी निरूपमा सिंह ने बच्चो तथा महिलाओ से सम्बन्धित विभिन्न शासकीय योजनाओ की जानकारी देते हुए बताया गया कि महिलाएं अपनी शिकायत महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, वन स्टॉप सेंटर नंबर 181 आदि पर कॉल करके हिंसा के विरुद्ध एकजुट होकर अपनी आवाज उठा सकती है ताकि एक सभ्य समाज का निर्माण कर सके.

एसीपी महिला अपराध प्रज्ञा पाठक ने जागरूक करते हुए बताया गया कि इस बात का इन्तजार नहीं करना है कि जब महिलाए पुलिस स्टेशन नहीं आयेगी तब तक हम उनकी शिकायत को सुनेंगे. हमें यह करने की आवश्यकता है कि एक-एक घर जाकर समस्या होने से पहले हम उसका समाधान कर सके, इस स्थिति में अपने समाज को लाना है. अगर हम सारी जानकारी और जागरूकता फैला सके तथा लोगो को बता सके कि क्या सावधानियां उन्हे लेनी चाहिए, जिससे कि उनके साथ किसी भी तरह का कोई भी अपराध नहीं हो सके. साइबर अपराध से जुड़ी बहुत सारी बाते बतायी गयी और घर –घर जाकर खास जो नई युवतियां है, उन्हे जागरूक करने की आवश्यकता है कि उन्हे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे करना है. तब हम अपने समाज मे हो रहे जितने अपराध है, उन्हे कम कर पायेंगे.