माओवादी की विचारधारा का कर रहे थे प्रचार-प्रसार, एनआईए ने बताया वाराणसी से आकांक्षा आजाद समेत इतने लोगों पर दर्ज हुई FIR...
यूपी के आठ जनपदों में मंगलवार को एनआईए द्वारा की गई छापेमारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया की कई सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार प्रयासों को विफल किया गया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। यूपी के आठ जनपदों में मंगलवार को एनआईए द्वारा की गई छापेमारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया की कई सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार प्रयासों को विफल किया गया है. उन्होंने बताया कि छापेमारी में वाराणसी के छात्र संगठन भगत सिंह छात्र मोर्चा की अध्यक्ष आकांक्षा आजाद समेत 10 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
प्रेसनोट में बताया गया है कि सीपीआई (माओवादी) के कैडर आदि पूरे उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित कर रहे हैं। प्रयागराज में आठ स्थानों पर आरोपियों और संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी की गई। इसके साथ ही चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आज़मगढ़ जिले में छापेमारी कर कई डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड जब्त किए गए।
छापेमारी में सिम कार्ड, नक्सली साहित्य, किताबें, पर्चे, पॉकेट डायरी, पैसे की रसीदें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज़ मिले हैं। जिससे एनआईए की जांच से संकेत मिलता है कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंग को काम सौंपा गया है। कैडरों को प्रेरित/भर्ती करना और सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करना भारत सरकार के विरुद्ध वे आतंक और हिंसा की वारदातें करने की साजिश रच रहे थे।
जांच में यह भी पता चला है कि प्रमोद मिश्रा कैडरों और समर्थकों का नेतृत्व कर रहे थे। इससे पहले पिछले महीने बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था। जिनकी पत्नी का नाम मामले से संबंधित एफआईआर में है। इन गिरफ्तारियों के बाद बिहार और यूपी में देसी हथियार मामले के संबंध में एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी मनीष आज़ाद का नाम शामिल था।
एनआईए द्वारा छापेमारी कर रितेश विद्यार्थी, विश्वविजय, सीमा आज़ाद, अमिता शिरीन, मनीष आज़ाद, कृपा शंकर, सोनी आज़ाद, आकांक्षा आज़ाद और राजेश आज़ाद पर एफआईआर दर्ज की गई है।