केवल मोबाइल ही नहीं संगठन के गतिविधियों का दस्तावेज साथ ले गई है NIA, प्रेसवार्ता में BSM ने दी जानकारी...

भगत सिंह छात्र मोर्चा (BSM) के बीएचयू इकाई की अध्यक्ष आकांक्षा आजाद और सिद्धि के कमरे से जांच पड़ताल कर NIA केवल मोबाइल ही नहीं बल्कि संगठन से जुड़ी गतिविधियों के दस्तावेज भी साथ ले गई है.

केवल मोबाइल ही नहीं संगठन के गतिविधियों का दस्तावेज साथ ले गई है NIA, प्रेसवार्ता में BSM ने दी जानकारी...

वाराणसी, भदैनी मिरर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम द्वारा मंगलवार को भगत सिंह छात्र मोर्चा (BSM) की अध्यक्ष आकांक्षा आजाद और संयुक्त सचिव सिद्धि बिस्मिल के महामनापुरी कॉलोनी में स्थित कमरे पर हुई छापेमारी को लेकर बुधवार को भगत सिंह छात्र मोर्चा ने बीएचयू के मधुबन में प्रेसवार्ता आयोजित की. आरोप लगाया की एनआईए बीजेपी के एक हिस्से बनकर काम कर रही है. आरोप लगाया की NIA, ED, ATS जैसे तमाम एजेंसियां मोदी सरकार की B टीम बन चुकी है जो सिर्फ और सिर्फ विरोधियों को दबाने का काम कर रही. यह तलाशी एक बनी बनाई साज़िश का हिस्सा है. इनका मुख्य उद्देश्य जनता के मन में डर बैठाना है.

आकांक्षा आजाद ने प्रेसवार्ता में कहा की NIA की टीम में लखनऊ की रश्मि शुक्ला के नेतृत्व में NIA पटना से राकेश कुमार मिश्रा, NIA रांची से एक IT एक्सपर्ट शामिल थे, इसके अलावा टीम में 2 महिला SI, 10 महिला कांस्टेबल, 2 लखनऊ से आये हुए गवाह, 1 सादे वर्दी में कोई पुलिस अधिकारी, और एक सादे वर्दी में संदिग्ध व्यक्ति था जो अपनी पहचान कई बार पूछने पर भी नहीं बता रहा था. इसके अलावा लंका और चितईपुर थाने की फोर्स थी. इसके अलावा कई इंटेलीजेंस के लोग भी पहुँचे हुए थे.

आकांक्षा ने बताया की NIA की टीम ने माओवादी होने और उनके फ्रंटल संगठन होने के शक पर सर्च वारण्ट दिखाया. वह सामान, कमरे, लैपटॉप मोबाइल आदि को सर्च कर सकतें हैं. इसे पढ़ने के बाद इस झूठे और भ्रामक आरोप के कारण हमनें इसमें हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. इसके तुरंत बाद उन्होंने आकांक्षा का मोबाइल फ्लाइट मोड में डाल कर IT एक्सपर्ट NIA के अधिकारी को दे दिया. उन्होंने आकांक्षा का फ़ोन अपने साथ लाए हुए लैपटॉप में लगा लिया और कुछ भी बताने से इनकार कर रहे थे. अंतिम समय में इस फोन जिसमें 2 सिम और SD कार्ड हैं उसे अपने साथ लेकर चले गए. आरोप लगाया की आशंका है कि NIA अपने तरफ से मोबाइल फ़ोन में कुछ छेड़छाड़ कर सकती है और कुछ इम्प्लांट कर सकती है. जैसा उन्होंने भीमा कोरेगांव केस में किया है क्योंकि फ़ोन को लैपटॉप में लगाकर उनकी टीम क्या कर रही है इसके बारे में वह कुछ भी नहीं बता रहे थे और यह पूछने पर की क्या वह डेटा ट्रांसफर कर रहे है इसपर भी उन्होंने इनकार कर दिया.

आकांक्षा ने बताया की सबसे पहले टीम ने आकांक्षा आज़ाद के कमरे की तलाशी लेनी शुरू की. जिसमें हर एक कॉपी, डायरी, किताब, कपड़े, बैग, सूटकेस, रजाई-कम्बल के जांच करनी शुरू कर दी. कॉपी डायरी में एक-एक अक्षर की जांच की और उससे जुड़े सवाल करते रहे. उसके बाद सिद्धि और इप्शिता के कमरे में जाकर तलाशी ली. जिसमें डायरी, कॉपी, किताब की जांच की. इस दौरान उन्होंने पत्रकार रूपेश कुमार की रिहाई मांग करते हुए पोस्टर देखकर और कैमूर से गिरफ्तार रोहित व सर्व सेवा संघ से जुड़े पोस्टर को देख कर उनसे जुड़े कुछ सवाल किए. दस्तक मैगज़ीन देखकर सीमा आज़ाद और विश्वविजय पर कुछ जानकारी ली और मैगजीन और पोस्टर साथ ले गए.

आर्थिक स्त्रोत के बारे में ली जानकारी

उसके बाद इप्शिता का लैपटॉप और सिद्धि के मोबाइल की मैन्युअली जांच की. रश्मि शुक्ल सिद्धि के फ़ोन के चैट्स पर भी सवाल कर रही थीं कि आपने ऐसा क्यों लिखा, उन्होंने ऐसा क्यों लिखा आदि। ओबीसी रिज़र्वेशन के आन्दोलन पर भी पूछताछ किया. सवाल जवाब में उन्होंने संगठन के आर्थिक स्त्रोत और हम तीनों के खर्चे से जुड़े सवाल किए. घर में आय का साधन पर पूछताछ की. उसके बाद उन्होंने इप्शिता के बैंक एकाउंट से जुड़े कुछ सवाल किए. बातचीत के दौरान दोनों पदाधिकारियों की जाति जानने पर उनका विशेष जोर था.

NIA हमारे संगठन का अखबार 'मशाल' का 2 अंक, सीमा आज़ाद द्वारा निकाले जाने वाला 'दस्तक' का 3 अंक, गांव चलो अभियान का सर्कुलर(2018-2019), BSM का चंदा कलेक्शन का रसीद, पुराने कार्यक्रमों के कॉन्टेक्ट्स, BSM के GVC के पुराने कॉन्टेक्ट्स, मजदूर किसान एकता मंच (नया नाम मेहनतकश मुक्ति मोर्चा) का पुराना पर्चा आदि उठा कर ले गयी है.