ज्ञानवापी प्रकरण: ACJM को मिली धमकी के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा, DCP कर रहे जांच, क्राइम ब्रांच भी लगाई गई...
ज्ञानवापी केस से जुड़े रहे सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर को धमकी मिली है. उन्होंने धमकी की जानकारी डीजीपी, अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस कमिश्नर को दी है. धमकी मिलने के बाद पुलिस कमिश्नर वाराणसी ए. सतीश गणेश ने एसीजेएम की सुरक्षा बढ़ा दी है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कर रहे जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर को मिली धमकी के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया की एसीजेएम को मिली धमकी की जांच डीसीपी वरुणा जोन आदित्य लांग्हे को सौंपी गई है। उन्हे धमकी रजिस्टर्ड डाक से प्राप्त हुई है, जिसके लिए क्राइम ब्रांच की टीम को भी टास्क दिया गया है।
सीपी ए. सतीश गणेश ने बताया की एसीजेएम रवि दिवाकर की सुरक्षा में कुल 9 पुलिसकर्मी लगाए गए है, वहीं जिला जज की सुरक्षा में 10 पुलिसकर्मी तैनात है।
मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता
सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर को एक रजिस्टर्ड लेटर आया है। लेटरपैड पर इस्लामिक आगाज मूवमेंट, नई दिल्ली का नाम है। लेटर में लिखा है 'अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं। फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं।
लेटर में आगे लिखा है की आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है। फिर आपकी पत्नी और माताश्री को डर कैसा है...? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। कोई भी काफिर मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता।
बता दें, इस लेटर में बहुत ही बातें बकायदा हाईलाइट की गई है। लेटर मिलने के बाद न्यायाधीश ने इसकी लिखित शिकायत डीजीपी, अपर प्रमुख सचिव गृह और पुलिस कमिश्नर वाराणसी से शिकायत की है।
ज्ञानवापी केस में अहम भूमिका
- 18 अगस्त 2021 को राखी सिंह समेत 5 महिलाओं ने मुकदमा दाखिल किया।
- 26 अप्रैल 2022 को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे आदेश कोर्ट ने दिया।
- 6 मई को सर्वे शुरू हुआ। 7 मई को विरोध के बाद सर्वे स्थगित हुआ।
- 12 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन ने आदेश किया कि सर्वे डीएम और पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी है।
- 13 मई को कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने याचिका दाखिल की।
- 20 मई को सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय खंडपीठ ने आदेश किया कि ज्ञानवापी से जुड़े मामले की सुनवाई जिला जज करेंगे।