हरहुआ में फांसी लगाकर राजगीर मिस्त्री ने की आत्महत्या, पुश्तैनी संपत्ति बताई जा रही है वजह...
बड़ागांव थाना अंतर्गत हरहुआ अनौरा गांव में शुक्रवार को राजगीर मिस्त्री ने फांसी लगाकर आत्महत्या ली.
वाराणसी, भदैनी मिरर। बड़ागांव थाना अंतर्गत हरहुआ अनौरा गांव में शुक्रवार को राजगीर मिस्त्री ने फांसी लगाकर आत्महत्या ली। मिली जानकारी के अनुसार अनौरा निवासी खंझाती उर्फ अनिल (38) शुक्रवार की सुबह अपने घर से करीब एक किलोमीटर दूर करोमा गांव में वरुणा नदी किनारे एक बबूल के पेड़ में नायलॉन की रस्सी के सहारे आत्महत्या कर लिया। घटना की जानकारी लोगों को तब हुई जब सुबह वरुणा नदी में मछली पकड़ने गए मछुआरे ने बबूल के पेड़ से लटकता हुआ शव देखा। उसने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। जानकारी मिलते ही बाद काफी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए।
उसके बाद ग्राम प्रधान दीपक चौहान द्वारा पुलिस को इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची ने फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। जांच पड़ताल करने के बाद मृतक का शव पुलिस ने कब्जे में ले लिया। वहीं पुलिस द्वारा पूछताछ की गई तो पता चला कि मृतक खंझाती के पिता भगेलू चौहान की करीब 12 साल पहले मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद मृतक की मां मुनरा देवी ने मकान छोड़कर अन्य संपत्ति और करीब 25 बिश्वा से अधिक भूमि को छोटे बेटे सुनील चौहान के नाम कर दिया था। उसके बाद से ही खंझाटी काफी समय तक अपना हिस्सा पाने के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर लगाता रहा। इसी बात को लेकर परिवार में भी आए दिन कहासुनी और झगड़ा होता था।
इसी विवाद के चलते 3 साल पहले मृतक ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया था। उसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिससे उसकी जान बची। मृतक के छोटे बेटे अमित ने बताया कि जमीन को लेकर उसके पिता और चाचा तथा दादी के लिए कुछ दिन पूर्व भी कहासुनी हुई थी। इस दौरान उसके पिता ने कहा था कि उन्हें यदि उनका हक नहीं मिला तो परिवार समेत जान दे देंगे।
इस बारे में बड़ागांव थाना प्रभारी बृजेश सिंह ने बताया कि मृतक के शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेजा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मृतक के बच्चों व पत्नी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर मृतक की मां और छोटे भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।