नए साल पर योगी सरकार का बड़ा तोहफा! 594 किमी लंबे एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे 12 जिले, दिसंबर के अंत तक निर्माण हो जाएगा पूरा

उत्तर प्रदेश में महाकुंभ के अवसर पर गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को अंतिम रूप देने की तैयारी जोरों पर है। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से शाहजहांपुर जिले के 44 गांवों के बीच 42 किमी की दूरी तय की जाएगी।

नए साल पर योगी सरकार का बड़ा तोहफा! 594 किमी लंबे एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे 12 जिले, दिसंबर के अंत तक निर्माण हो जाएगा पूरा

उत्तर प्रदेश में महाकुंभ के अवसर पर गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को अंतिम रूप देने की तैयारी जोरों पर है। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से शाहजहांपुर जिले के 44 गांवों के बीच 42 किमी की दूरी तय की जाएगी। निर्माण एजेंसियों का दावा है कि दिसंबर के अंत तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा। एक्सप्रेसवे पर ओवरब्रिज, अंडरपास जैसे बड़े निर्माण कार्य 80 प्रतिशत तक पूरे हो चुके हैं, जबकि छोटे कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने के लिए दिन-रात काम किया जा रहा है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि नए वर्ष पर योगी सरकार इसे उत्तर प्रदेश की जनता के लिए उपहार के रूप में पेश कर सकती है। यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों – मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, और प्रयागराज से होकर गुजरेगा।

जलालाबाद में तेजी से हो रहा निर्माण कार्य

शाहजहांपुर से करीब 25 किमी दूर जलालाबाद में एक्सप्रेसवे का कार्य तेजी से प्रगति पर है। उबरिया गांव के पास फ्लाईओवर की एप्रोच बनाई जा चुकी है, जबकि डेढ़ किलोमीटर दूर विश्रामनगर के पास इंटरचेंज का निर्माण किया जा रहा है, जिससे शाहजहांपुर और जलालाबाद की तरफ से आने वाले यात्री गंगा एक्सप्रेसवे का लाभ उठा सकेंगे। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से लेकर प्रयागराज तक 12 जिलों के रास्ते से गुजरता है, जिससे यातायात को और भी सुगम बनाने की उम्मीद है।

हवाई पट्टी और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण

गंगा एक्सप्रेसवे पर एक हवाई पट्टी का निर्माण भी किया जा रहा है, जो तहसील जलालाबाद के पांच गांवों – नगला तालुके खंडहर, खूंटा नगला, दियुरा, पीरू चड़ोकर और झारार हरिहरपुर में बन रही है। इसका 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा, जलालाबाद क्षेत्र के गुलड़िया ग्राम पंचायत में एक्सप्रेसवे के पास एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी स्थापित किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए लगभग 105 हेक्टेयर भूमि, जिसमें 600 किसानों की जमीन शामिल है, का अधिग्रहण हो चुका है, और शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।