वाराणसी: नीलगिरि इंफ्रासिटी के खिलाफ एक और केस दर्ज, सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर है आरोपी
जमीन, फ्लैट, टूर पैकेज के नाम पर जनता को नीलगिरि इंफ्रासिटी नाम से कंपनी खोलकर ठगने वाले विकास सिंह उसकी पत्नी ऋतू सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव की करस्तानी अभी भी उजागर होती जा रही है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। सुप्रीम कोर्ट से जमानत लेकर बाहर घूम रहे मलदहिया स्थित फ्रॉड कंपनी नीलगिरि इंफ्रासिटी के सीएमडी विकास सिंह, प्रदीप यादव की धोखाधड़ी के मामले अभी भी उजागर हो रहे है. चेतगंज थाने में एक और केस दर्ज किया गया है. इसके पहले सैन्यकर्मी के तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
अब गाजीपुर के फुल्ली सोनहरिया (जमानिया) निवासी कपिलदेव की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है. कपिलदेव के मुताबिक आरोपियों ने चंदौली के मवई में जमीन दिखाई. अपनी जमीन बताकर 10 लाख 99 हजार 800 रुपये में बिक्री की बात तय की. कई किस्त में आरोपियों को 7 लाख 63 हजार 934 रुपये दिये. इसकी रसीद भी उन्हें दी गई. बाद में पता चला कि जमीन आरोपियों की नहीं, किसी और की है.
पैसा वापस मांगने पर दो मार्च 2021 को कैंसिलेशन फार्म भरवाया. कहा कि तीन माह के भीतर पैसा वापस हो जाएगा. पैसा आज तक नहीं मिला, ना ही कहीं जमीन दिलाई. सूत्रों की माने तो सर्वोच्च न्यायालय ने नीलगिरि कंपनी के सीएमडी विकास सिंह, एमडी ऋतु सिंह और मैनेजर प्रदीप यादव को इस बात पर राहत दी है कि वह जिनसे पैसे लेकर ठगी किया है, उन्हें वह पैसे लौटाएगा. लेकिन कई पीड़ितों ने बताया कि विकास सिंह की ओर से किसी ने संपर्क नही किया, कुछ से संपर्क किया तो पैसे देने का सिर्फ आश्वासन ही दिया.