UP मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन बोले - मदरसों की जांच नही बल्कि बच्चों का भविष्य संवारने को हो रहा सर्वे, मुस्लिम समाज बहकावें में न आए...
उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे पर उठाए जा रहे सवाल UP मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन ने स्पष्ट किया है की जांच नहीं बल्कि बच्चों का भविष्य संवारने के लिए सर्वे हो रहा है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। उत्तर प्रदेश में मदरसों के हो रहे सर्वे को लेकर लगातार उठाए जा रहे सवाल पर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कहा की यह सवाल सबसे पहले हैदराबाद के ओवैसी बंधु उठा रहे है, जिनके बच्चे अमेरिका और लंदन में पढ़ रहे है. उनके बच्चे बैरिस्टर और डाक्टर है.
डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा की कोई बहकावे में ना आएं. यह सरकार की एक प्लानिंग है कि हम सर्वे के माध्यम से पता करें कि हमारे जो भी बच्चे गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ रहे हैं, उनकी शिक्षा की गुणवत्ता क्या है. उनके मदरसे की बिल्डिंग और बिजली-पानी के साथ ही अन्य सुविधाएं कैसी हैं. आने वाले दिनों में उन बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. बच्चे सभी हमारे हैं और उनके भविष्य को संवारने के लिए ही सरकार सर्वे करा रही है. उत्तर प्रदेश की सरकार की नीयत साफ है और मुस्लिम समाज के लोग इसमें सहयोग करें.
560 मदरसों को सरकार देती है अनुदान
डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार मुस्लिम समाज के उन्हीं शोषित, वंचित और पिछड़े परिवारों के बच्चों को आगे बढ़ाना चाह रही है. ओवैसी बंधुओं से हमारी गुजारिश है कि आप अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाएं। मगर, मुस्लिम समाज के अन्य बच्चों को भी देश में अच्छी जगह पढ़ने दें. उन्होंने जोर देते हुए कहा की मदरसों की कोई जांच नहीं बल्कि सर्वे हो रहा है. बीती 15 जून को हमारे बोर्ड की बैठक हुई थी तो राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की एक चिट्ठी मिली थी. उस चिट्ठी में लिखा था कि मदरसों में बच्चों की पढ़ाई कैसे हो रही है. मदरसों की शिक्षा की गुणवत्ता क्या है. कुछ घटनाएं ऐसी भी हुई थी कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ था. यह पता नहीं चल पा रहा था कि कितने मदरसे गैर मान्यता प्राप्त है.
उन्होंने कहा की उत्तर प्रदेश में 16,506 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं और उसमें 560 मदरसों को सरकार अनुदान देती है. इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया कि मदरसों का सर्वे करा कर यानी उनके बारे में जानकारी जुटा कर उनकी स्थिति के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को भी सुधारा जाए.