सावन का तीसरा सोमवार: बाबा दरबार में आस्था का मेला, 12 नदियों और 3 सागर के जल से व्यापारियों ने किया जलाभिषेक...

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के दो सोमवारों की अपेक्षा तीसरे सोमवार को भक्तों की भीड़ ज्यादा है. पूरा काशी केसरिया रंग में रंगा है और बोल बम के जयघोष से गुंजायमान है.

सावन का तीसरा सोमवार: बाबा दरबार में आस्था का मेला, 12 नदियों और 3 सागर के जल से व्यापारियों ने किया जलाभिषेक...

वाराणसी,भदैनी मिरर। सावन के पहले दो सोमवार की तुलना में तीसरे सोमवार को आस्था का मेला दरबार में उमड़ गया है. रविवार की रात से ही श्रद्धालु पंक्तिबद्ध होकर लाइन में लग गए थे. मंगला आरती के बाद से ही आस्था का मेला बाबा दरबार में देखने को मिला. देवाधिदेव महादेव की नगरी   हर-हर महादेव के जयघोष से गुंजायमान हो रही है.

सोमवार की भोर में मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन के लिए बाबा के कपाट खुले तो पूरा परिसर बोलबम के जयकारे से गुंजायमान हो उठा। भक्तों का काशी पुराधिपति का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के दर्शन-पूजन का क्रम जारी है। सुबह 11 बजे तक लगभग दो लाख श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन पा चुके है. श्रद्धालु बाबा को बेलपत्र, दूध, मदार, जल अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की. 

इसके अलावा सारंग तालाब, महामृत्युंजय मंदिर, केदारेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव के आलावा अन्य शिवालयों में भी भारी भीड़ है. वहीं, सावन के चारों सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के होने वाले विशेष श्रृंगार के अंतर्गत तीसरे सोमवार को अर्द्धनारीश्वर रूप का श्रृंगार होगा. 

व्यवसायी संघ ने किया जलाभिषेक

विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ के नेतृत्व में होने वाले जलाभिषेक में इस बार विशेष तौर पर देश के विभिन्न भागों से 12 नदियों व तीन सागरों जिनमें माता गंगा के अलावा यमुना, सरस्वती (त्रिवेणी-संगम), कावेरी, ताप्ती, ब्रह्मपुत्र, अलकनंदा, वरुणा, गोदावरी, क्षिप्रा, सिन्ध, कृष्णा, नर्मदा के साथ ही तीन महासागरों महानद (गंगासागर), अरब-सागर के साथ ही हिंद-महासागर का जल मंगाया गया था. विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ द्वारा स्व एंव विश्व कल्याणार्थ की कामना से जलाभिषेक के पूर्व 12 नदियों और 3 सागरों के जल को अलग-अलग कलशों में रखकर "नागकेसर" मिश्रित करके वैदिक रिती से पुजन किया गया. शास्त्रार्थ महाविद्यालय के 11 वैदिक छात्रों द्वारा पुजन कराया गया.
जलाभिषेक के लिये विश्वनाथ गली के व्यापारी सुबह आठ बजे चितरंजन पार्क पर इक्कठा होकर दशाश्वमेध घाट से अपने पात्रों में जल लिया. संघ के अध्यक्ष व साक्षी-विनायक मंदिर के महंत रमेश तिवारी के नेतृत्व में डमरूओं की गड़गड़ाहट और शंख ध्वनि करते हुए व्यापारियों का समुह परंपरागत मार्ग सिंहद्वार (डेढ़सीपुल) से साक्षी-विनायक होते हुए गेट नं.-1 ढुंढिराज गणेश से विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने पहुचें. गर्भ-गृह में बाबा का जलाभिषेक के पश्चात व्यापारी अन्नपूर्णा दर्शन करके ढुंढिराज से होकर वापस साक्षी-विनायक पहुंच कर पुजन किया.

मूल खबर:शिव-शक्ति श्रृंगार का करें दर्शन: 6.30 लाख भक्तों ने नवाया शीश, इंद्र ने भी पखारे पांव, सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम...