BHU में आयोजित आख्यान संगोष्ठी में बोलीं पद्मश्री मालिनी अवस्थी नए छात्रों को मिलेगा भारत को समझने की नई दृष्टि...
पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित भारत अध्ययन केंद्र बनाने का उद्देश्य ही यही रहा की भारतीय संस्कृति एवं भारतीय संस्कार के अनुरूप जो हमारी जीवन पद्धति है वह लोगों के सामने रखी जाए। इसी क्रम में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आख्यान भारत की कथा परंपरा का आयोजन किया गया है।
वाराणसी, भदैनी मिरर। बीएचयू के भारत अध्ययन केन्द्र में अयोध्या शोध संस्थान एवं उत्तरमध्यक्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आख्यान का शुभारंभ हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री मालिनी अवस्थी के साथ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस अवसर पर पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित भारत अध्ययन केंद्र बनाने का उद्देश्य ही यही रहा की भारतीय संस्कृति एवं भारतीय संस्कार के अनुरूप जो हमारी जीवन पद्धति है वह लोगों के सामने रखी जाए। इसी क्रम में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आख्यान भारत की कथा परंपरा का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा की पूर्व में हमारे पूर्वज जो भी विचार लाना चाहते थे उसका एक ही माध्यम बना और वह है कथा। इसी प्रकार भारतीयता को संजोए रखने में कथा कितनी महत्वपूर्ण है इस पर संगोष्ठी में आए देश विदेश के प्रमुख विद्वान अलग-अलग दृष्टि से अपने विचार रखेंगे। इसके साथ ही इसके माध्यम से नए छात्रों व शोधार्थी को भी भारत को समझने के लिए एक दृष्टि मिलेगी। संगोष्ठी इस बार ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से आयोजित की गई है। जिसमें देश के विभिन्न जगह से लोग जुड़ेंगे और प्रतिभाग करेंगे।
संगोष्ठी में सुप्रसिद्ध नाटककार पद्मश्री डॉ शेखर सेन, आध्यात्मिक चिंतन वृंदावन मथुरा से आए श्रीवत्स गोस्वामी, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति कमलेश दत्त त्रिपाठी एवं कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर सदाशिव कुमार द्विवेदी उपस्थित रहे।