बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव: भक्तों संग किया नगर भ्रमण, आज होगी महाआरती...
बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव आज काशीवासी धूमधाम से मना रहे है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी कोतवाल बाबा काल भैरव सोमवार को डोले में सवार होकर शहर का जायजा लेने निकले. आगे बाबा चले पीछे हर-हर महादेव के जयघोष से काशी गूंजती रही. अवसर था तीन दिवसीय बाबा के जन्मोत्सव का. बाबा का जन्मोत्सव भव्य भंडारे से समाप्त किया जाएगा. आज मंगलवार को भी बाबा के दरबार में जन्मोत्सव मनाया जायेगा. बाबा के शोभा यात्रा में लोग झूमते नजर दिखे. हाथी-ऊंट- घोड़ा-बैल-काली प्रतिमा भूतों की टोली अष्ट भैरव झांकी और निशान आदि निकाले गए.
बाबा काल भैरव मंदिर के महंत ने बताया कि मंगलवार को अष्ट भैरव पूजन और मध्य रात्रि 12:00 बजे महा आरती होगी 6 दिसंबर को भक्तों में नैवेद्य वितरित कर भव्य भंडारे का आयोजन बाबा श्री काल भैरव के मंदिर से किया जाएगा.
क्यों बने काशी के कोतवाल काल भैरव
पुराणों के अनुसार जब ब्रह्मा जी के पंचमुखी ने भगवान शिव का घोर अपमान किया तब भगवान शिव के क्रोधाग्नि से काल भैरव का अंश का जन्म हुआ. ब्रह्मा के पांच मुख को काल भैरव ने धड़ से अलग कर दिया. काल भैरव को ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति दिलवाने के लिए शिव जी ने उनको बताया कि तुम तीनों लोको में भ्रमण करो जहां पर यह मुख तुम्हारे हाथों से अलग होगा. तब तुम्हें मुक्ति प्रदान हो होगा. काल भैरव ने तीनों लोको का भ्रमण किया पर उन्हें मुक्ति काशी में गंगा और वरुणा नदी संगम स्थल वर्तमान समय में कजाकपुरा स्थान पर मिला.
(प्रशिक्षु साक्षी पांडेय की रिपोर्ट)