स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 108 घंटे पर समाप्त किया अनशन, देशव्यापी आंदोलन चलाने की घोषणा, बोले गुरु आदेश सर्वोपरि...

4 जून को अनशन पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने गुरु के आदेश पर बुधवार सुबह 108 घंटे बाद अनशन समाप्त कर दिया. आदि विशेश्वर के भव्य मंदिर निर्माण के लिए वह देशव्यापी आंदोलन करेंगे.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 108 घंटे पर समाप्त किया अनशन, देशव्यापी आंदोलन चलाने की घोषणा, बोले गुरु आदेश सर्वोपरि...
आदि विशेश्वर के प्रतीक पादुका का पूजन करते स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद।

वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 108 घंटे की निर्जल तपस्या को संपन्न कर लिया है। उन्होंने आदि विशेश्वर की पादुकाओं का प्रतीक पूजन के साथ अपना अनशन समाप्त किया है। उन्होंने कहा है की गुरु के आदेश पर आदि विशेश्वर के भव्य मंदिर निर्माण के लिए देशव्यापी आंदोलन चलाएंगे। इस दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 5 किलो 400 ग्राम वजन घटा है। 

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गुरु का आदेश सर्वोपरि

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सनातनियों के लिए गुरु का आदेश सर्वोपरि होता है। गुरु के आदेश से मैं अपने 108 घंटे के निर्जल तपस्या को संपन्न कर रहा हूं लेकिन मेरी लड़ाई आदि विशेश्वर की पूजा के लिए निरंतर जारी रहेगी। हम देशव्यापी अभियान चलाएंगे और भव्य मंदिर निर्माण की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा की परम पूज्य गुरुदेव का पत्र प्राप्त हुआ है। साथ ही कांची मठ के महाराज का भी स्नेहपूर्ण निवेदन पत्र प्राप्त हुआ है। उनके ही आदेश पर अब भगवान आदि विश्वेश्वर की पादुकाओं का प्रतीक पूजन करूंगा। 
अतः आज भगवान आदि विश्वेश्वर की पादुकाओं का प्रतीक पूजन श्रीविद्या मठ में करके अपने 108 घंटे की निर्जल तपस्या को प्रातः 7 बजे संपन्न किया हूं। अब अपने गुरु की आज्ञा के अनुसार भगवान आदि विश्वेश्वर के भव्य मंदिर निर्माण के लिए देशव्यापी अभियान चलाऊंगा।

4 जून को बैठे थे अनशन पर

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की पूजा का आव्हान किया था। 4 जून को जब वह ज्ञानवापी के लिए निकल रहे थे तभी उन्हें फोर्स ने मठ में ही रोक लिया, जिससे क्षुब्ध होकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बिना अन्न-जल के मठ में ही अनशन पर बैठ गए थे।