स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने मठ में ही रोका, छावनी में तब्दील हुआ श्री विद्यामठ...
लॉ एंड आर्डर का हवाला देकर जिला प्रशासन ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को श्री विद्या मठ में ही रोक दिया है . मठ को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दी है. डीसीपी काशी जोन ने कहा है कि जहां पूजा अर्चन करने जाने की अनुमति मांगी गई है वह न्यायालय में विचाराधीन है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। ज्योतिष एवं द्वारकाशारदा पीठ के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को जिला प्रशासन ने श्री विद्या मठ में ही रोक लिया है। जिला प्रशासन द्वारा रोके जाने से खफा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आश्रम में ही धरने पर बैठ गए है। वह अभी ज्ञानवापी जाने पर अडिग है। जिला प्रशासन ने पहले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को मानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने किसी की एक नहीं सुनी।
हमें पूजा चाहिए अधिकार नहीं
मठ में धरने पर बैठ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है की प्रकट हुए शिव को अधिकार है की वह नहाने के लिए पानी पाएं, उस मूर्ति को अधिकार है की वो भोजन पाएं, उसको क्यों वर्जित किया जा रहा है यही हमारा मूल प्रश्न है। आप हमे मत जाने दो हमको प्रमाणिक रूप से सूचना करो की आज की पूजा हो गई हम बंद कर देंगे, हमको पूजा से मतलब है, हमको पूजा के अधिकार से मतलब नहीं है। जो न्यायालय में दूसरे पक्षकार जा रहे हैं, वो पूजा का अधिकार मांग रहे है। न्यायालय में दो महीने बाद उनको अधिकार मिलेगा चलेगा, हम कोई अधिकार नहीं मांग रहे है। हम भगवान की पूजा मांग रहे है। कोई कर दे हमको संतोष हो जाएगा। हमारे भगवान बिना खाए पिए बैठे है, हमारी बस यही भावना है हमारी इस भावना को क्यों नहीं सुना जा रहा है क्यों नहीं समझा जा रहा है।
पुलिस ने दी थी चेतावनी
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा 71 ब्राम्हणों के साथ नाव से केदारघाट से ललिताघाट जाने की सूचना के बाद से ही हड़कंप मच गया था। डीसीपी काशी जोन रामसेवक गौतम ने चेताया था की इस स्थल पर जाने की अनुमति मांगी जा रही है वह न्यायालय में विचाराधीन है और न्यायालय के आदेश पर सिल कर सीआरपीएफ के सुरक्षा घेरे में है। ऐसे में वहां जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोई भी व्यक्ति लॉ एंड ऑर्डर को हाथ में लेगा तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।