शिवलिंग पूजन न करने देने पर भड़के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: बोले हो रही सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना, DM को भेज रहे नोटिस...
शिवलिंग पूजा न करने देने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मंगलवार को पत्रकारवार्ता कर भड़क गए. उन्होंने जिला प्रशासन को जमकर खरी-खोटी सुनाई और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का जिलाधिकारी द्वारा अवमानना किया जा रहा है हम जिलाधिकारी वाराणसी को नोटिस भेज रहे हैं जवाब ना आने पर हम उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोर्ट जाएंगे.
वाराणसी,भदैनी मिरर। द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंगलवार को केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ में प्रेसवार्ता आयोजित की। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी वाराणसी और और पुलिस प्रशासन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा की हम कोई गैर-कानूनी काम करने के लिए नहीं जा रहे थे हम अपनी आस्था को कानूनसम्मत रखते हुए अपना संकल्प पूरा करना चाहते थे, लेकिन उसका भी अवसर वाराणसी जिला प्रशासन ने हमसे छीन लिया।
पुलिस अफसरों की हठधर्मिता के कारण जब हम अपने आराध्य प्रगट हुए विशेश्वर की पूजा नहीं कर पाए तो धर्मशास्त्र को मानने वाले हम अन्न-जल त्याग कर कुछ भी स्वीकार न करते हुए 93 घंटे से अनशन पर बैठे हुए है। इतने लंबे समय में एक बूंद जल और एक अन्न का दाना स्वीकार नहीं किया है। इस दौरान अब तक 5 किलो 200 ग्राम वजन कम हो चुका है, पिशाब में भी समस्याएं आने लगी है। यदि हमारे शरीर अथवा प्राण को कुछ होता है तो जिलाधिकारी वाराणसी और यहां के सबसे बड़े पुलिस अफसर ही जिम्मेदार होंगे।
कोर्ट ने शिवलिंग के ड्यूली प्रोटेक्ट का दिया है आदेश
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के न्यायाधीश के आदेश की कॉपी दिखाते हुए कहा की सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में साफ स्पष्ट लिखा है की जहां पर शिवलिंग का मिलना कहा गया है उस स्थान को जिलाधिकारी उचित और जरूरी इंतजाम करते हुए संरक्षित करने का आदेश दिया है।
स्वामी जी ने उदाहरण देते हुए कहा की गाय का संरक्षण करना है तो भूसा डालना होगा, पौधे का संरक्षण करना है तो पानी से सींचना पड़ेगा, मछली का करना है तो दाना देना पड़ेगा, बच्चे का करना है तो दूध देना ही पड़ेगा, यही यथोचित संरक्षण होता है। यहां शिवलिंग मिला है तो इसका यथोचित संरक्षण उसकी पूजा, पूजा के अतिरिक्त कोई दूसरी विधि नहीं है संरक्षण की। जबकि जिलाधिकारी वाराणसी केवल संरक्षण कर रहे है कोर्ट के आदेश ड्यूली प्रोटेक्टेड नहीं और रहे है।
भेज रहे है जिलाधिकारी को नोटिस
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की देश की सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है की जिलाधिकारी सभी पक्षकारों से वार्ता कर यह सुनिश्चित करें की जहां शिवलिंग मिला है की वहां उचित व्यवस्था बनाई जाए और धार्मिक कृत्य संपादन में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। लेकिन जिलाधिकारी ने मुस्लिम पक्ष से वार्ता कर नमाज की व्यवस्था तो बना दी लेकिन शिवलिंग के पूजा का कोई प्रबंध नहीं किया।
न्यायालय का नाम लेकर न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। हमने एक नोटिस तैयार किया है जो डीएम वाराणसी को भेज रहे है जिसमें पूछा गया है की क्यों ना आप के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मुकदमा चलाया जाए?
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की यदि जिलाधिकारी वाराणसी ने दिए गए नोटिस का जवाब नहीं दिया तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और जिलाधिकारी वाराणसी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे। हम हिंदुओं के साथ निरंतर अत्याचार हो रहा है।