आश्रम के करोड़ों की जमीन हड़पने वाले दो आरोपियों को सारनाथ पुलिस ने पकड़ा, राजस्व अभिलेखों में चढवा लिया है अपना नाम...
सतनाम दरिया आश्रम व मठ परशुरामपुर (सारनाथ) के करोड़ों की जमीन को चेला बालकराम को धोखे में रखकर राजस्व अभिलेखों में अपने नाम चढ़वाने के दो आरोपियों को सारनाथ पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
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वाराणसी, भदैनी मिरर। सतनाम दरिया आश्रम व मठ परशुरामपुर (सारनाथ) के करोड़ों की जमीन को चेला बालकराम को धोखे में रखकर राजस्व अभिलेखों में अपने नाम चढ़वाने के दो आरोपियों को सारनाथ पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामले का खुलासा एसीपी सारनाथ धनंजय मिश्र ने थाने में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दी. एसीपी ने बताया कि जिस आश्रम को हड़पने का षडयंत्र किया गया है उसकी कीमत लगभग 20 करोड रुपए बताई गई है. हड़पने का प्रयास करने वाले दोनों आरोपियों की पहचान राजऋषि यादव ताला बेला ( चोलापुर) हालपता परशुरामपुर (सारनाथ) और अनिल कुमार पटेल निवासी परशुरामपुर (सारनाथ) है.
एसीपी सारनाथ ने बताया कि आश्रम के गुरु स्व. जोगिन्दर दास के चेला बालक दास ने प्रार्थना पत्र देकर बताया कि सतनाम दरिया आश्रम में 10 वर्ष की अवस्था से ही वह सांसारिक माया-मोह व घर-बार को त्याग कर आश्रम पर अपने गुरू स्व. जोगिन्दर दास व अन्य की सेवा करते हुए आश्रम से जुड़ा है. स्व. जोगिन्दर दास ने अपने चेला बालकदास को वर्ष 2003 14 अक्तूबर को एक पंजीकृत वसीयत करके अपना उत्तराधिकारी बना दिया. जोगिन्दर दास का वर्ष 2020 में 17 दिसंबर को निधन हो गई. जिसका पंजीकृत वसीयत बालक दास हुए.
बालकदास ने बताया कि बाबा जोगिन्दर दास की मृत्यु के बाद राजऋषि यादव व उनके मित्र अनिल कुमार पटेल अक्सर आश्रम पर आते-जाते थे. एक दिन बालकदास से यह कहकर कुछ सादे स्टाम्प व कुछ सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए कि राजस्व अभिलेखों में अभी आपके गुरु जोगिन्दर दास का ही नाम चला आ रहा है, हम लोग आपके नाम वरासत करा देते है. दोनों पर भरोसा करके बालकदास ने अपने नाम की मूल वसीयत, अपना आधार कार्ड, फोटो, गुरू जोगिन्दर दास जी का मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया. जिसके बाद बालकदास की अनुपस्थिति में नामांतरण वाद दाखिल करके कूटरचित अपंजीकृत वसीयत के आधार पर दोनों ने अपना नाम भी राजस्व अभिलेखों में दर्ज करवा लिया. बालक दास को जब इसकी जानकारी हुई तो राजऋषि यादव व अनिल कुमार पटेल से बोले की आप लोगों ने मेरे साथ छल-कपट करके साजिशन कूटरचित दस्तावेज तैयार करके राजस्व अभिलेखों में मेरे साथ-साथ अपना नाम भी दर्ज कराकर मेरे साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है. जिसके बाद दोनों आग बबूला होकर बालकदास को मारने के लिए दौड़ा लिए. आश्रम के भक्त व अनुयायियों के इकट्ठा होने पर दोनो धमकी देते हुए चले गए थे. गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक उदय प्रताप सिंह, दरोगा दुर्गेश सिंह, राहुल कुमार यादव और कांस्टेबल देवेन्द्र प्रताप सिंह शामिल रहे.