ओमप्रकाश राजभर बोले- पार्टियां कर रही प्रबुद्धजन सम्मेलन, गरीब और पिछड़ों की चिंता नहीं

ओमप्रकाश राजभर बोले- पार्टियां कर रही प्रबुद्धजन सम्मेलन, गरीब और पिछड़ों की चिंता नहीं

वाराणसी,भदैनी मिरर। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रबुद्धजन सम्मलेन कर पिछड़ों को गुलाम बनाकर गिरवी रखने की तैयारी कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इनके सम्मेलनों में पैसे देकर भीड़ जुटाई जाती है। उन्होंने मायावती द्वारा प्रबुद्धजन सम्मेलन किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा की मायावती जी के साथ भाजपा, सपा और कांग्रेस भी प्रबुद्धजन कर रही है। सबको प्रबुद्ध जन ही दिख रहे हैं गरीब तो किसी को दिख ही नहीं रहा है। बंजारा, बहेलिया, आरक, अर्कवंशी, नाई, लोहार, गोड़, विश्वकर्मा, बिन्द, प्रजापति, पाल, कश्यप, निषाद, पासवान, धोबी के विषय में कोई सम्मलेन नहीं, कोई चिंता नहीं है किसी को। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सम्मेलनों में लाकर उन्हें पूड़ी, सब्ज़ी, लड्डू का पैकेट दिया जाता है और फ्री में गाड़ी दी जाती है लाने-ले जाने के लिए। भाजपा के नेता इन्हे सम्मेलनों में अपनी लोरी सुनाते हैं। 

लाठी खा रहे अभ्यर्थियों पर किसी का ध्यान नहीं 

 ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती में आज भी बच्चे धरना दे रहे हैं। लाठी खा रहे हैं और अपने हक की मांग कर रहे हैं। लेकिन भाजपा के किसी नेता को यह नहीं दिखाई देता। 27 प्रतिशत आरक्षण संविधान में जो व्यवस्था है वो दिलाने के लिए पिछड़े नेता जो बीजेपी में हैं उनके पास फुर्सत नहीं है, लेकिन वोट दिलाने के लिए उनके पास फुर्सत है। पिछड़ों को गुमराह करने के लिए फुर्सत है। ओमप्रकाश राजभर ने आगे कहा कि महंगाई से पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है। महंगाई कैसे कम हो, इसपर चिंतन करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पिछड़े समाज के नेता हों चाहे दलित समाज के नेता हों या सामान्य वर्ग के नेता हों उनके पास समय नहीं है। इन नेताओं को महंगाई से जनता को कैसे निजात दिलाएं इसपर चिंतन करने का वक़्त नहीं है। 

अमीरों और गरीबों की शिक्षा अलग-अलग

ओपी राजभर ने कहा कि इस सरकार में दो तरह की शिक्षा है। अमीर के बेटे की अलग शिक्षा और गरीब के बेटे की अलग शिक्षा।  एक सामान अनिवार्य और फ्री शिक्षा लागू करने के लिए इन लोगों के पास समय नहीं है। क्योंकि भाजपा के जितने नेता हैं इन्हे सिर्फ वोट से मतलब है। जनता की मूलभूत समस्याओं से मतलब नहीं है। वहीं मायावती के बयान की अब वो हाथी नहीं बनवाएंगी पर हंसते हुए कहा की अब जगह ही कहाँ है कि वो हाथी लगवाएंगी।