चेतगंज की नक्कटैया: परंपरा और आधुनिकता का अनोखा संगम, शिव महापुराण से रूस-यूक्रेन युद्ध तक, इन झांकियों ने लोगों को किया मोहित
वाराणसी के चेतगंज इलाके में ऐतिहासिक नक्कटैया उत्सव का धूमधाम से सम्पन्न हुआ.
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी के चेतगंज इलाके में ऐतिहासिक नक्कटैया उत्सव का धूमधाम से सम्पन्न हुआ. इस भव्य आयोजन को देखने के लिए न सिर्फ स्थानीय निवासियों, बल्कि दूर-दराज से आए लोगों का भी जमावड़ा लगा। सड़कों और गलियों में उमड़ी भीड़, झूले, चरखी और खिलौनों की दुकानों ने मेले की रौनक को बढ़ा दी. जैसे-जैसे रात गहराती गई, रंग-बिरंगी रोशनियों ने आयोजन को और भी मनमोहक बना दिया.
शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण रामायण, महाभारत और शिवमहापुराण पर आधारित पारंपरिक लाग विमानों की झांकियां थीं. इस वर्ष 75 से अधिक लाग विमानों ने इस शोभायात्रा में भाग लिया. इनमें से कई झांकियां भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को भी दर्शा रही थीं, जबकि कुछ ने आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को केंद्र में रखा.
इस शोभायात्रा में वैश्विक मुद्दों को भी झांकी के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसमें हमास-इस्राइल और रूस-यूक्रेन युद्ध की त्रासदी को दर्शाया गया.
शोभायात्रा का उद्घाटन सीडीओ हिमांशु नागपाल द्वारा चेतगंज थाने के सामने मध्यरात्रि में किया गया. इससे पहले चेतगंज चौराहे पर नक्कटैया की लीला का आयोजन हुआ, जिसमें भगवान लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा की नाक काटने की घटना का मंचन हुआ. इसके बाद, शोभायात्रा मलदहिया चौराहे से शुरू होकर लहुराबीर, बागबरियार सिंह होते हुए कबीरचौरा मार्ग तक पहुंची. इस दृश्य को देखने के लिए खिड़कियों, बरामदों और छतों पर दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी.
शोभायात्रा के दौरान कलाकारों ने शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, श्रीराधा-कृष्ण और महाकाल के रूप धारण कर नृत्य प्रस्तुत किया. दुर्गा और काली के मुखौटे पहनकर तलवारबाजी के हैरतअंगेज करतब भी दर्शकों का मन मोह गए. आयोजन की सफलता के लिए समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता, महेंद्र गिरी महाराज और अन्य प्रमुख व्यक्तियों का विशेष योगदान रहा.