BHU में पेड़ों की कटाई पर NGT की कड़ी आपत्ति, कहा- यदि संरक्षक ही कानून का उल्लंघन करने लगें...
काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में काटे गए सात चंदन के पेड़ों के मामले में आज एनजीटी ने सुनवाई की. जिस पर न्यायालय ने कड़ी आपत्ति जताई है
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) परिसर में काटे गए सात चंदन के पेड़ों के मामले में आज एनजीटी ने सुनवाई की. जिस पर न्यायालय ने कड़ी आपत्ति जताई है. इस मामले में बीएचयू की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए उपस्थित अधिवक्ता ने चार सप्ताह का समय मांगा. जिस पर न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि पहले से डीएफओ की रिपोर्ट से सब कुछ स्पष्ट है.
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और बीएचयू के पूर्व छात्र सौरभ तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने टिप्पणी की कि यदि संरक्षक ही कानून का उल्लंघन करने लगें, तो उन्हें कार्रवाई करनी पड़ेगी और इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी. एनजीटी ने बीएचयू के अधिवक्ता से कहा कि वन अधिकारी (DFO) की ओर से जो तस्वीरें प्रस्तुत की गई हैं, उनकी रिपोर्ट के अनुसार अब कुछ भी छिपा नहीं है और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पर्यावरणीय क्षति के लिए विश्वविद्यालय को जुर्माना भरना होगा.
एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि बीएचयू के पूर्व छात्रों को पेड़ बचाने के लिए आगे आना पड़ा. एनजीटी ने विश्वविद्यालय से कहा कि इस घटना से बीएचयू की छवि पर गंभीर असर पड़ा है और इससे उसकी बदनामी हुई है. विश्वविद्यालय, जो छात्रों को पर्यावरण सुरक्षा की शिक्षा देता है, वहां पेड़ गैरकानूनी तरीके से काटे जा रहे हैं, जिससे विश्वविद्यालय की छवि खराब हो रही है.
एनजीटी के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफसोस अहमद ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में आर. मिश्रा जैसे विद्वान, जो वनस्पति विज्ञान में देश के जाने-माने विशेषज्ञ रहे हैं, उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर पर्यावरण विज्ञान को बढ़ावा दिया, लेकिन बीएचयू का हरा-भरा परिसर को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जो पूरी तरह गैरकानूनी है.
एनजीटी ने बीएचयू के अधिवक्ता द्वारा समय मांगने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सभी ने समय पर जवाब दे दिया है, केवल आप ही हैं जो अभी तक जवाब नहीं दे पाए हैं. यह आपके लापरवाही का संकेत है. आप भले ही कैजुअल हो सकते हैं, लेकिन हम नहीं. इस मामले को NGT ने अत्यंत गंभीरता से लिया है।
विशेष समिति की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि चंदन सहित अन्य पेड़ काटे गए हैं, और इन घटनाओं पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह रिपोर्ट रिकॉर्ड पर ले ली गई है. BHU के अधिवक्ता ने चंदन के पेड़ों की कटाई को लेकर सफाई देने का प्रयास किया, लेकिन NGT ने स्पष्ट कहा कि DFO की रिपोर्ट में सब कुछ स्पष्ट हो चुका है और अब इस मामले में कोई और सफाई शेष नहीं है. अगली सुनवाई 4 मार्च को निर्धारित की गई है. NGT ने वन विभाग (DFO) को निर्देश दिया है कि BHU द्वारा लगाए जा रहे पेड़ों का सर्वाइवल रेट (जीवित रहने की दर) की पूरी जानकारी भी 4 मार्च तक प्रस्तुत करें. सभी पक्षों को चार सप्ताह का समय जवाब दाखिल करने के लिए दिया गया है, जिसमें BHU भी शामिल है.