बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक होंगे वाराणसी के रोपवे स्टेशन, दिखेगी काशी की पुरातन शैली की झलक, जानें और क्या-क्या होगा खास
वाराणसी में रोपवे स्टेशनों का निर्माण कार्य लगभग- लगभग पूरा हो चुका है। अगले दो महीनों तक ये बनकर तैयार हो जाएंगे। इन स्टेशनों को बेहद ही खूबसूरती और आकर्षक रूप दिया जा रहा है।
वाराणसी में रोपवे स्टेशनों का निर्माण कार्य लगभग- लगभग पूरा हो चुका है। अगले दो महीनों तक ये बनकर तैयार हो जाएंगे। इन स्टेशनों को बेहद ही खूबसूरती और आकर्षक रूप दिया जा रहा है। हर स्टेशन पर काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर शिखर बनाए गए हैं, जो उनकी भव्यता को बढ़ाएंगे। आइए जानते है इन स्टेशनों के निर्माण में और क्या-क्या खास बनाया जा रहा है।
स्टेशनों की बाहरी दीवारों पर चुनार के पत्थर से काम किया गया है, जिसमें शिव, त्रिशूल, नंदी, शंख, डमरू और अर्द्धचंद्र जैसी आकृतियाँ उकेरी गई हैं। ऊपर की ओर पुराने भवनों की झलक देते हुए झरोखे बनाए गए हैं, जिनमें काशी की पुरातन शैली की झलक मिलती है।
तैयार हैं प्रमुख स्टेशन
कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा और गिरजाघर पर स्टेशन लगभग तैयार हो चुके हैं, जिनका जल्द ही ट्रायल रन शुरू किया जाएगा। इन स्टेशनों पर काशी की कला, संस्कृति और धार्मिक महत्व की अनूठी झलक दिखाई देगी। यहां काशी विश्वनाथ, काल भैरव, संकटमोचन सहित अन्य प्रमुख मंदिरों की जानकारी न सिर्फ चित्रों से, बल्कि ऑडियो क्लिप के माध्यम से भी मिलेगी। हर चित्र के साथ एक क्यूआर कोड उपलब्ध होगा, जिसे स्कैन करके लोग उन सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में ऑडियो में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, काशी के महान व्यक्तित्वों के चित्र भी हर स्टेशन पर लगाए गए हैं, जिनके बारे में भी ऑडियो क्लिप के जरिये जानने का अवसर मिलेगा।
स्टेशनों के बाहरी हिस्से में हल्के नीले और ग्रे रंग के ग्लास लगाए जा रहे हैं। प्रोजेक्ट मैनेजर पूजा मिश्रा ने बताया कि सभी स्टेशनों पर मंदिर के शिखर की संरचना बनाई गई है, जिसका काम लगभग पूरा हो चुका है।
टिकट घर से लेकर हेल्प डेस्क तक काशी का एहसास
आमतौर पर स्टेशनों पर टिकट घर के केबिन साधारण होते हैं, लेकिन यहां रोपवे स्टेशनों पर टिकट काउंटर को हवेली की खिड़कियों जैसे झरोखों का रूप दिया जाएगा, जिससे दूर से देखने पर किसी पुराने महल का अहसास होगा। हेल्प डेस्क भी इसी शैली में बनाई जाएगी, ताकि यात्री काशी के सांस्कृतिक वैभव का अनुभव कर सकें।