त्यौहारों को लेकर बैठक, पुलिस कमिश्नर बोले काशी में सभी समुदाय एक साथ मनाते है त्यौहार, DM ने साफ-सफाई का दिया निर्देश...
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि बनारस में त्योहारों को साथ मिलकर मनाने की परम्परा रही है इसी सौहार्दपूर्ण वातावरण को कायम रखते हुए सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी और यहां के जागरूक नागरिकों के सहयोग से जनपद को स्वच्छ और सुन्दर बनाने पर जोर दिया.
वाराणसी, भदैनी मिरर। आगामी महीनों में आने वाले त्योहारों को देखते हुए शनिवार शाम 5 बजे पुलिस लाइन के टीपी लाइन सभागार में पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन और जिलाधिकारी एस. राजलिंगम द्वारा सभी सम्बन्धित अधिकारियों और समाजसेवी संगठनों व धर्मों के लोगों के साथ बैठक की गयी.
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि बनारस में त्योहारों को साथ मिलकर मनाने की परम्परा रही है इसी सौहार्दपूर्ण वातावरण को कायम रखते हुए सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी और यहां के जागरूक नागरिकों के सहयोग से जनपद को स्वच्छ और सुन्दर बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जी-20 की तैयारियों को स्थायी तौर पर बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है जिसमें हमारा शहर एक आदर्श शहर का उदाहरण प्रस्तुत करे.
उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि वे जहां तक सम्भव हो वे अपने अपने आवासों, दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवायें जिससे लोगों में सुरक्षा और विश्वास बढ़े और जरूरत पड़ने पर समस्या सुलझाने में सुविधा भी हो. श्रावण मास 4 जुलाई से प्रारम्भ हो रहा है जिसमें आसपास के जिलों के अलावा अन्य प्रांतों से लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होता है जो काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य मुख्य मंदिरों में दर्शन पूजन करते हैं, इसलिए यहां के मार्गों की मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए. सबसे पहले यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों को चिन्हित कर जाम का कारण देखें और उसका निवारण कराने पर ज़ोर दिया गया.
घाटों पर चेंजिंग रूम, मोबाइल शौचालय, पेयजल की व्यवस्था के साथ ही साफ सफाई को सुदृढ़ करने हेतु नगर निगम के कर्मचारियों की शिफ्टवार ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया गया. विभिन्न सामाजिक संगठनों व अन्य जागरूक नागरिकों द्वारा जगह-जगह सीवर जाम से ओवरफ्लो होने और छुट्टा पशुओं के कारण सम्याओं की जानकारी दी गई, जिस पर नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया गया. सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिनों में मीट मछली की दुकाने खुली होने की जानकारी दी जिस पर इसकी जांच कराने का निर्देश दिया गया. अधिकतर दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालुओं की असुविधा को देखते हुए दक्षिणी भारतीय भाषाओं के वालंटियर तैनात करने की बात कही जिसके लिए बीएचयू के भारतीय भाषा विभाग के छात्रों से सहयोग लेने का सुझाव दिया गया.