प्यार का वास्ता देकर जूस में पिलाई नींद की गोली, फिर नए प्रेमी ने पेचकस और गोली मारकर की हत्या...

फर्रुखाबाद से  बीएचयू में पढ़ने वाली अपनी प्रेमिका अनुष्का तिवारी से मिलने आए रामकिशोर यादव के इकलौते पुत्र देवांश यादव की दर्दनाक हत्या कर दी गई है.

प्यार का वास्ता देकर जूस में पिलाई नींद की गोली, फिर नए प्रेमी ने पेचकस और गोली मारकर की हत्या...

वाराणसी, भदैनी मिरर। फर्रुखाबाद से  बीएचयू में पढ़ने वाली अपनी प्रेमिका अनुष्का तिवारी से मिलने आए रामकिशोर यादव के इकलौते पुत्र देवांश यादव की दर्दनाक हत्या कर दी गई है. हत्या कोई और नहीं बल्कि प्रेमिका अनुष्का तिवारी अपने नए प्रेमी जौनपुर के मडियाहु के निवासी राहुल सेठ और ड्राइवर सादाब आलम के साथ मिलकर की है. इसका खुलासा डीसीपी काशी जोन आर.एस. गौतम ने अपने कार्यालय में किया. पुलिस ने घटना से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण साक्ष्य को संकलन किया है. डीसीपी ने पुलिस टीम को ₹ 25 हजार के इनाम की घोषणा की है.

उधर प्रेसवार्ता के बाद कार्यालय के बाहर खड़े देवांश के पिता ने कमिश्नरेट वाराणसी पुलिस को सवाल खड़े किए, कहा की पुलिस ने देवांश के हत्या की जानकारी ही नहीं दी. पहले गुमशुदगी और फिर मुकदमा लिखवाने के लिए थाने और एसीपी कार्यालय का चक्कर कटवाया गया.

अनुष्का के साथ पढ़ा था देवांश
 
डीसीपी काशी जोन ने बताया की गिरफ्तार अनुष्का तिवारी और देवांश काफी समय तक लिव-इन-रिलेशनशिप में रहे. वह कक्षा 6 से कक्षा 9 तक सरस्वती ज्ञान मन्दिर इण्टर कालेज कानपुर नगर में साथ में पढाई किये थे. पुलिस पूछताछ में राहुल सेठ, अनुष्का तिवारी और सादाब आलम ने बताया कि देवांश यादव जो अनुष्का तिवारी से जबरदस्ती मिलना चाहता था और उसे परेशान करता था, जिसके कारण अनुष्का तिवारी काफी परेशान चल रही थी. देवांश यादव की हरकतों से परेशान होकर तीनों ने प्लान करके देवांश यादव की हत्या करने की लिये अनुष्का तिवारी के माध्यम से व्हाट्सएप काल कर देवांश यादव को वाराणसी बुलाया था. जब वह होटल से निकलकर अस्सी नाला पुलिया पहुंचा तो वहां से चार पहिया में उसे बैठा लिया गया जिसे शादाब आलम चला रहा था. जिसमें अनुष्का तिवारी  ने देवांश यादव को प्यार का वास्ता देकर जूस में पिसी हुई नींद की गोलियां दे दी. चार पहिया के पीछे-पीछे स्कूटी से अनुष्का का नया प्रेमी राहुल सेठ भी चल रहा था. नींद की गोली का असर होने पर जब देवांश यादव बेहोश हो गया तो तीनों  ने चन्दौली की तरफ रेलवे कासिंग वाली सिन्धी ताल पुलिया के आगे पहुंचे ही थे कि देवांश यादव को होश आने लगा. तीनों ने डर कर रोड कांस्ट्रक्शन के रखे हुए गिट्टी के पास पंहुचे, तीनों को लगा कि देवांश कही बखेडा न खड़ा कर दे. पकड़ जाने के डर से राहुल सेठ और उसके साथी सादाब ने गिट्टी पर पटक कर देवांश यादव को गाड़ी में रखे पेचकश निकाल कर गले व सीने में कई वार किया और पिस्टल निकालकर अन्धेरे में फायर कर दिया. देवांश को मरा जानकर अपराध से बचने के लिए राहुल सेठ ने पिस्टल एवं देवांश का मोबाइल बिहार की तरफ जाती हुई अलग-अलग ट्रकों में फेंक दिया गया. 

पुलिस पर लापरवाही का आरोप

देवांश के पिता रामकिशोर ने कहा की योगी राज में आखिर कानून का राज कहा है? बेटे की हत्या की जानकारी उन्हे पुलिस ने दी ही नही. प्रेसवार्ता में आने पर जानकारी हो रही है. इकलौते बेटे की हत्या की जानकारी मिलते ही मां मीरा और पिता रामकिशोर का रो- रोकर बुरा हाल है. रामकिशोर का कहना हैं की साक्ष्य होने के बाबजूद यदि पुलिस तत्परता से कार्रवाई कर देती तो उनके पुत्र की जान बच सकती थी. इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने सुस्ती की है.