बाल अपचारी को मिली जमानत, यह था आरोप...
वाराणसी, भदैनी मिरर। लंका निवासी एक मकानमालिक ने किरायेदार के नाबालिग लड़के पर पिछले वर्ष 9 सितंबर को आरोप लगाया था कि
लडके ने उसकी पुत्री के साथ खेलने के दौरान उसके गुप्तांग पर हाथ लगाया इसका विरोध कर शोर मचाने पर भाग निकला।
पुलिस ने मामलें में आरोपी बाल अपचारी को पकड़कर न्यायालय में पेश की, जहा से बाल अपचारी को बाल संरक्षण गृह भेज दिया गया था। अभियुक्त के तरफ से सेंट्रल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने पैरवी करते हुए तर्क प्रस्तुत किया कि उपरोक्त मुकदमा निराधार है एवं अभियुक्त को दो मकान मालिको की लडाई में छूठे तथ्यों के आधार पर मुलाजिम बना दिया गया है अभियुक्त निर्दोष है।
विशेष न्यायाधीश (पास्को अधिनियम) राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने अभियुक्त के अधिवक्ता के तर्कों को सुनकर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए एक लाख के दो जमानतें व इसी धनराशि की अंडरटेकिग के बंधपत्र पर जमा करने पर रिहा करने का आदेश किया।