Sawan 2024 : काशी का ऐसा शिवालय, यहां रोज तिल-तिल बढ़ते है महादेव...
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी नगरी के कण-कण में भगवान शंकर विराजमान हैं. यहां महादेन असंख्य छोटे-बड़े शिवालय है. आज हम आपको इनमें से ही एक ऐसे शिव मदिंर के बारे में बताएंगे, जो रोजाना तिल के बराबर बढ़ते है. आइए जानते है कि महादेव का ये मंदिर काशी में कहां स्थित है और इससे जुड़ी पौराणिक कथा क्या है..
जानें काशी में कहां स्थित है यह मंदिर
दरअसल, हम जिस मंदिर की बात कर रहें है वो काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग 500 मीटर दूर पांडेय हवेली (बंगाली टोला स्कूल के समीप) में स्थित है. इस मंदिर का नाम तिलभांडेश्वर महादेव है, जिसका काशी खंड में भी उल्लेख मिलता है. मंदिर गर्भगृह में बाबा का विशाल शिवलिंग विराजमान है.
प्रतिदिन तिल के बराबर बढ़ते हैं महादेव
माना जाता है कि बाबा का शिवलिंग प्रतिदिन तिल के बराबर बढ़ता रहता है, इसलिए इनका नाम तिलभांडेश्वर पढ़ा, हालांकि शिवलिंग की कितनी गहराई है वो आज तक नहीं पता चल पाया है. बाबा दरबार में भक्त काल सर्प दोष की शांति पूजन के लिए आते है. मंदिर परिसर छोटे-बड़े मिलकर कुछ 53 देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विराजमान है.
जानें मंदिर पौराणिक इतिहास
मंदिर के पुजारी विनय पाण्डेय ने बताया कि इनका महात्म्य गंगा सागर में बार-बार स्नान, प्रयाग संगम में स्नान और काशी के दशाश्वमेध घाट पर स्नान करने से जो पुण्य की प्राप्ति होती है, उस फल, पुण्य की प्राप्ति केवल एकबार इनके दर्शन मात्र से हो जाती है. उन्होंने बताया कि आदिकाल से मान्यता है कि महर्षि विभाण्डक यहां तपस्या करने आए थे उनकी यह तपोभूमि मानी जाती है. यहां पर तब तिल की खेती होती थी. एक दिन विभाण्डक ऋषि यहां तपस्या कर रहे थे उसी दौरान उन्हें यहां बाबा ने दर्शन दिया, जिसके बाद उन्होंने बताया कि यहां महादेव का दिव्यस्वरूप है जो प्रतिदिन बढ़ता है. तब उनकी बातें सुनकर किसान हंसने लगे और कहा ऐसा कुछ नहीं है और यहां हल खुदाई शुरु कर दी, तो देखा बाबा का शिवलिंग दिखाई दिया. तभी से यहां पूजा-अर्चना होने लगी.
पुजारी ने बताया कि एक बार विभाण्डक ऋषि को तपस्या के दौरान बाबा ने फिर उन्होंने स्वपन दिया कि और कहा कि यह शिवलिंग कलयुग पर्यन्त रोज एक तिल के बराबर बढ़ता रहेंगा. जिसे ऋषि ने यहां के लोगों को बताया. मान्यता है कि अगर आप अपनी मनोकामना सच्चे मन से तिलभांण्डेश्वर के सामने रखेंगे तो महादेव उसे जरुर पूर्ण करेंगे.