कैंसर के बढ़ते मामलें: देश में लंग्स कैंसर का कारण 90 फीसदी धूम्रपान है, चिकित्सकों ने मरीजों संग खुद ली शपथ...

कैंसर के बढ़ते मामलें: देश में लंग्स कैंसर का कारण 90 फीसदी धूम्रपान है, चिकित्सकों ने मरीजों संग खुद ली शपथ...

वाराणसी/भदैनी मिरर। विश्व लंग्स कैंसर दिवस के अवसर पर चिकित्सकों ने एक बार फिर लोगों को धूम्रपान से बचने की सलाह दी है। इसकी शुरुआत एपेक्स हॉस्पिटल द्वारा चेयरमैन डॉ एसके सिंह ने अपने अस्पताल से की है। डॉ. एसके सिंह ने अपने चिकित्सकों, मेडिकल अफसरों, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों को धूम्रपान न करने की शपथ दिलाई है। इस दौरान अस्पताल की निदेशिका ने वीडियो जारी कर जनमानस से अपील करते हुए कहीं की कैंसर जैसे दारुण बीमारी मरीजों के साथ-साथ परिजनों को भी आर्थिक और मानसिक रुप से खोखला करती है।


हर वर्ष लंग्स कैंसर के जाने आंकड़े


एपेक्स की निदेशिका डॉ. अंकिता पटेल कहती है कि फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में सामने आने वाला सबसे आम कैंसर है। आंकड़ों के मुताबिक 67 हजार नए मामले हर वर्ष सामने आते हैं, जिनमें 48 हजार से ज्यादा पुरुष और 19 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल होती हैं। कहती है कि स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और मौखिक गुहा कैंसर के बाद फेफड़ों का कैंसर चौथे स्थान पर आता है। कैंसर की घटना के संदर्भ में भारत में लगभग 90 फीसदी फेफड़े के कैंसर के मामले सिगरेट, बीड़ी या हुक्का से जुड़े हैं। बाकी 10 फीसदी में वायु प्रदूषण, निरंतर खांसी, बलगम मे खून, सांस मे दिक्कत, वजन घटना, थकावट आदि लक्षणों से लंग्स कैंसर का पता चलता है। जिसे देखते हुए अल्ट्रासाउंड अथवा सीटी गाइडेड  बायोप्सी, ब्रोंकोस्कोपी के बारे मे बताते हुए उन्होंने सीटी, एमआरआई, पेट सीटी, बोन स्कैन द्वारा बीमारी के फैलाव के आधार पर स्टेजिंग कर इलाज की उचित प्रक्रिया सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी अथवा इम्यूनोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी आदि पेलिएटिव रेडिएशन की जाती है।