बदलते मौसम में यदि बुखार हो तो तुरंत करें यह उपाय, जाने खतरें के लक्षण...
वाराणसी, भदैनी मिरर। बदलते मौसम में तेजी से लोगो को हो रहे वायरल बुखार को लेकर ब्रेथ ईजी अस्पताल के निदेशक व वरिष्ठ टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ एस के पाठक ने मरीजों को सुझाव देते हुए बताया कि वायरल फीवर के मरीजों को कम से कम 5 दिन या बुखार पूरा उतरने तक पूर्ण आराम करना चाहिए। हर 15 मिनट पर जितना किलोग्राम मरीज का वजन हो उतना मिली (बड़ो हेतु 1/2 गिलास, बच्चों हेतु 1/4 गिलास ) कोई भी तरल हल्का द्रव्य जैसे ग्लूकोस या इलेक्ट्रॉल मिला पानी, दाल का पानी, छाछ, पतली लस्सी, सादा पानी इत्यादि प्यास लगी हो या न लगी हो फिर भी लें। इतना तरल लें कि हर 1-2 घंटे पर 1 बार पेशाब जाना पड़े।
- फोलिक एसिड समृद्ध कच्चे हरे सब्जियां और फल जैसे खीरा, ककड़ी, सलाद पत्ता और विटामिन सी समृद्ध फल जैसे नींबू, मुसम्मी, संतरा , कीनू, टमाटर इत्यादि अधिक लें। जूस की जगह समूचा फल लें।
- बुखार शुरू होते ही अधिक से अधिक देह खुला रखते हुए 1 रुमाल जैसे छोटे कपडे को सादे पानी मे भिगो के पूरा बदन पोंछे एवं पैरासीटामाल की 1 गोली 1 गिलास पानी के साथ ले लें, आप अपने वजन के 10 गुना एमजी की पैरासिटामोल की गोली हर 4-6 घंटे पर दुबारा ले सकते हैं।
- पेरासिटामोल से भी बुखार न उतरने पर Nimesulide या Mefenemic acid की 1/2-1 गोली पानी या छाछ के साथ लें। बुखार की पानी मे घुल जाने वाली (dispersible) गोलियां मिनटों में असर शुरू करती हैं, ये ना मिले तो आप त्वरित असर हेतु इनके सिरप या 1 गोली को कूच के 1 ग्लास पानी या छाछ में घोलके भी ले सकते हैं।
- इसके अलावा विटामिन C की 1 चूसने वाली गोली एवं कोई भी फोलिक एसिड वाली मल्टीविटामिन की गोली रोज 1 बार या सुबह शाम और gelusil या digene की 1 -1 गोली 3 बार चूसें।
- आजकल फैले बुखार में डॉक्सीसाइक्लिन ( Doxy) का अच्छा असर पाया गया है। किसी चिकित्सक की राय से इसकी 100 mg की 1 गोली हल्के नाश्ते या 1 गिलास छाछ के साथ सुबह शाम लें।
- बुखार शुरू होने वाले दिन ही आसपास किसी लैब में सीबीसी एवं मलेरिया की जांच करा लें। आप थेरोपी , पैथकाइंड या टाटा 1mg app से भी इस जांच हेतु किसी को घर बुला सकते हैं। यदि मलेरिया या टायफायड पॉजिटिव आता है तो नजदीकी एमबीबीएस या एमडी डॉक्टर को दिखाएं।
- 1-1 दिन छोड़ कर आपको प्लेटलेट या CBC जांच करानी चाहिए और 50 हज़ार से कम आने पर नजदीकी डॉक्टर या स्वास्थ्य केंद्र में जाके दिखाना चाहिए।
- रोज कम से कम 1 बार अपना ब्लड प्रेशर अवश्य नापें, BP मरीज अपनी दवा की खुराक चौथाई घटा या बढ़ा के अपना systolic (ऊपर वाला) BP 140mm के आसपास रखें, शुगर के मरीज भी बुखार उतरने तक रोज अपना शुगर चेक करें और उसके अनुरूप अपना दवा या इन्सुलिन 25%कम ज्यादा करके रोज का सुबह का खाली पेट वाला शुगर लेवल 125 के आसपास रखें।
- 50 हज़ार से ऊपर प्लेटलेट रहने पर न घबराएं पर किसी कम से कम चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। अस्पताल में भर्ती की नौबत आने पर मरीज के ब्लड ग्रुप के 1-2 परिजन हमेशा अपनी प्लेटलेट देने हेतु उसके पास रहें।
खतरे के लक्षण-
(1) शरीर पर लाल चकत्ते उभरने शुरू हों
(2) कलाई की नब्ज न महसूस हो
(3) अत्यधिक चक्कर या बेहोशी महसूस हो
(4) पेशाब 4-5 घंटे में भी 1 बार न हो
(5) काला पाखाना या लाल पेशाब हो।
(6) उपरोक्त सभी उपाय करने के बाद भी यदि बुखार 103 से नीचे ना आए
डॉ. एसके पाठक ने अपील करते हुए कहा कि आप व्हाट्सएप नंबर पर 9696104227 उनसे चिकित्सकीय सलाह ले सकते हैं।