मौसम की मार, बच्चे हो रहे बीमार: शिशु विशेषज्ञ डॉ मिन्हाज बोले बिना चिकिसकीय सलाह के न दें बच्चों को एंटीबायोटिक...

बदलते मौसम में इन दिनों बच्चों में  कॉमन कोल्ड की ज्यादातर समस्याएं सामने आ रही हैं।वयस्कों की अपेक्षा बच्चो में अधिक बार सर्दी होती है।

वाराणसी,भदैनी मिरर। बदलते मौसम में इन दिनों बच्चों में  कॉमन कोल्ड की ज्यादातर समस्याएं सामने आ रही हैं।वयस्कों की अपेक्षा बच्चो में अधिक बार सर्दी होती है।क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अभी विकसित हो रही होती है। यह बातें शिशु विशेषज्ञ डॉ मिन्हाज हुसैन ने भदैनी मिरर से बातचीत में कही। 

डॉ मिन्हाज बताते हैं की कॉमन कोल्ड की समस्या से बच्चों को बचाने के लिए सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है की कॉमन कोल्ड है क्या? गले से ऊपर नाक, आंख आदि में होने वाला इन्फेक्शन जो 90 प्रतिशत वायरल होता है, उसे ही कॉमन कोल्ड कहते हैं।  

कॉमन कोल्ड के लक्षण 

डॉ मिन्हाज बताते हैं की आमतौर पर वयस्कों और बच्चों में कॉमन कोल्ड के लक्षण समान होते हैं, जैसे बंद या बहती नाक, छींकना, बुखार, और सुस्ती आना। ये अभी कॉमन कोल्ड के लक्षण हैं। बदलते मौसम में कई तरह के वायरस जन्म लेते हैं और जब वह बच्चों में प्रवेश करते हैं तो वह कॉमन कोल्ड का रूप ले लेते हैं। 

कॉमन कोल्ड से बचाव

डॉ मिन्हाज बताते हैं की जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों में 6 से 8 बार कॉमन कोल्ड होना निर्मल है। इसके लिए घबराकर बच्चों को ज्यादा दवाएं देने की जरूरत नहीं होती। क्योंकि कोई भी एंटीबायोटिक बच्चों के लिए नुकसानदेय है। अगर समस्या ज्यादा है तो बिना चिकित्सक की सलाह के बच्चों को न दें। 

इससे बचाव के अन्य तरीके भी हैं जैसे समय समय पर बच्चों को स्टीम दें, गर्म पानी का सेवन कराएं, प्रॉपर डाइट दें, ज्यादातर लिक्विड जैसे नींबू पानी, चीनी पानी आदि देते रहें। यदि घर में किसी भी वयस्क को कॉमन कोल्ड हो तो बच्चे को उससे दूर रखें, साथ ही वायस्कों को भी कॉमन कोल्ड होने से बचना चाहिए। इसलिए जब भी बाहर से आए हाथों को अच्छी तरह धोएं और बच्चों को भी इसकी आदत दिलाएं।