मेनोपॉज के बाद महिलाओं में प्रबल हो जाती है हार्ट अटैक की संभावनाएं, संतुलित आहार ही है स्वस्थ जीवन का आधार....

भारत में लगातार हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे है. युवाओं में यह समस्या निरंतर बढ़ रही है. महिलाओं में मासिक धर्म चक्र पूरी तरह खत्म होने के बाद हार्ट अटैक की संभावनाएं प्रबल हो जाती है.

वाराणसी, भदैनी मिरर। वैसे तो हृदय रोग के कई प्रकार हैं लेकिन आम भाषा में ज्यादातर जो हम बोलते हैं वह हृदयाघात व हार्ट फेल्योर है। जिसमें हार्ट के ब्लड को पंप करने की क्षमता कम हो जाती है। हर वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस इसी उद्देश्य से मनाया जाता है ताकि लोगों को हृदय रोग के प्रति जागरूक किया जा सके और ये बता सकें की इससे कैसे बचा जा सकता है। उक्त बातें दुर्गाकुंड स्थित पैनेसिया हॉस्पिटल की निदेशिका और ख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर पल्लवी मिश्रा ने औपचारिक बातचीत में कहीं. डाक्टर पल्लवी ने कहा की इन दिनों सुगर और हार्ट की बीमारी काफी तेजी से महामारी का रूप लेती जा रही है। जिससे की मृत्यु दर भी तेजी से बढ़ रही है। 

संतुलित आहार- स्वस्थ जीवन का आधार

डाक्टर पल्लवी कहती है की कमजोर दिल से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है संतुलित आहार। संतुलित आहार ही स्वस्थ जीवन का आधार है।
हमारी भोजन की थाली 9 इंच की होनी चाहिए। जिसमें आधी हिस्सा सलाद और फलों से भरा हो. इसके अलावा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए। इसके साथ ही मोटा अनाज जो हमारे पूर्वज खाते थे उसे शामिल करना चाहिए। 
इसके अलावा व्यायाम भी जरूरी है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अवसादग्रस्त हो जाते है। जिसके कारण नींद भी भरपूर नहीं ले पाते। इसके लिए जरूरी है हम रोग लगभग अच्छी स्पीड में एक घंटा टहले, ताकि शरीर थके और अच्छी नींद आ सके। इसके अलावा साइकल भी चलाना फायदेमंद है।

मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा

डाक्टर पल्लवी महिलाओं में हृदयाघात को लेकर कहती है की, महिलाओं में हृदयाघात की संभावनाएं रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) अर्थात मासिक धर्म चक्र पूरी तरह बंद होने के बाद इतनी तेज बढ़ती है की वह पुरुषों को भी पीछे छोड़ देती है। एक विशेष बात यह भी है की महिलाओं में मासिक समस्याओं के कारण इसका पता नहीं चल पाता और पुरुषों की तरह उनमें इसके टिपिकल लक्षण भी नही दिखाई देते, इसलिए महिलाओं में हार्ट अटैक के साथ ही हार्ट फेल्योर की भी ज्यादा संभावनाएं होती हैं। इसलिए पुरुषो की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा ग्रसित हैं इस बीमारी से।
हृदय घात से महिलाओं के मृत्यु दर का पता लगाना तो बहुत ही मुश्किल है क्योंकि ज्यादातर महिलाएं तो अस्पताल तक पहुंच ही नहीं पाती और उनकी मौत हो जाती है। इन दिनों वैसे भी इस बीमारी से मृत्यु दर बढ़ी है वह चाहे महिला हो या पुरुष और अब तो युवा भी इससे ग्रसित होने लगे है। इसका एक कारण डायबिटीज भी है लोग समझ नहीं पाते लेकिन डायबिटीज हार्ट अटैक का बहुत बड़ा कारण है इसलिए इसे हल्के में न लें और लक्षण दिखने पर तत्काल अपने नजदीकी चिकित्सक से सलाह लें।