'हनुमान लला मेरे प्यारे लला' पर भावपूर्ण नृत्य से झूमे संगीत रसिक, पांचवी निशा में दिग्गज कलाकारों ने लगाई हाजिरी...

'हनुमान लला मेरे प्यारे लला' पर भावपूर्ण नृत्य से झूमे संगीत रसिक, पांचवी निशा में दिग्गज कलाकारों ने लगाई हाजिरी...

वाराणसी, भदैनी मिरर। श्री संकट मोचन बाबा का दरबार वह जगह है जहां संगीत, भक्ति और आस्था की पुकार होती है। इसी  आस्था के महाकुंभ में श्री संकटमोचन संगीत समारोह की पांचवी निशा का शुभारंभ विख्यात गायिका दीक्षा वरदराजन के गायन से हुआ। चेन्नई से  जुड़ी दीपिका ने राग सिम्हेन्द्र में ' भंटू रेती कोलू विन वैय रामा' से अपनी प्रस्तुति आरंभ की। कार्यक्रम की अधिक प्रस्तुति में भोपाल से विख्यात वीरांगना भी अनुराधा सिंह जुड़ीं।रायगढ़ घराने की परंपरागत तोड़ा टुकड़ा और चक्करदार की प्रस्तुति के पश्चात् पंडित जसराज की द्वारा स्वरबद्ध अमर रचना "हनुमान लला मेरे प्यारे लला" पर भाव नृत्य के माध्यम से उन्होंने नृत्य का समापन किया। 


कार्यक्रम की तीसरी कड़ी में मेवाती घराने के सातवीं पीढ़ी के युवा कलाकार स्वर रत्तन शर्मा मुंबई से गायन की प्रस्तुति हेतु जुड़ें। उन्होंने राग छाया नट में विलंबित एक ताल एवं द्रुत लय तीनताल की बंदिश की प्रस्तुति दी। उसके बाद अगली प्रस्तुति बांसुरी वादन की रही। मुंबई से बांसुरी वादक पंडित रूपक कुलकर्णी अपनी हाज़िरी हेतु जुड़ें। उन्होंने राग बागेश्री की अवतारणा की। अगले कलाकार गायक पंडित नीरज पारिख अहमदाबाद से जुड़े। पंडित जसराज जी के शिष्य पंडित पारिख ने राग बिहाग में विलंबित एकताल एवं मध्य लय तीनताल में जसराज जी की रचना गाकर हनुमत दरबार में हाजिरी लगाई। 


अगली प्रस्तुति संतूर वादन की रही। विश्वविख्यात संतूर वादक पद्मश्री से सम्मानित कलाकार पंडित सतीश व्यास संतूर वादन हेतु जुड़ें। उन्होंने राग कौशिक ध्वनि में आलाप, जोड़ एवं झाला बजाकर सुनाया। तबला सहयोग पंडित मुकुंदराज देव ने दिया। उसके बाद तबला शोलो की प्रस्तुति नईम अल्लाहवाले, गायन से अपनी स्वरांजलि अर्पित करने के लिए अंकिता जोशी और उसके बाद जोधपुर से सरोदवादन पं. बसंत काबरा ने प्रस्तुति दी।