ट्रामा सेंटर में सफाईकर्मियों से मालिश-पिटाई मामले में कार्रवाई की मांग, कर्मचारियों संग सुपरवाइजर ने दी सफाई...

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रामा सेंटर के सुपरवाइजर का मालिश और पैर दबवाने का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो को लेकर अमिताभ ठाकुर ने कार्रवाई की मांग की है, जबकि सुपरवाइजर ने वीडियो में दिख रहे कर्मचारियों संग सफाई दी है.

ट्रामा सेंटर में सफाईकर्मियों से मालिश-पिटाई मामले में कार्रवाई की मांग, कर्मचारियों संग सुपरवाइजर ने दी सफाई...

वाराणसी, भदैनी मिरर। कुछ दिन पहले ही बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भ्रष्टाचार के आरोप का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि नए मामले ने तुल पकड़ लिया है. सोशल मीडिया पर इन दिनों ट्रामा सेंटर के एम.टी.एस. सुपरवाइजर बिजेंद्र नाथ पाण्डेय द्वारा सफाईकर्मियों के मारपीट और मालिश कराने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसके बाद शुक्रवार को पूर्व आईपीएस अफसर और आजाद अधिकार के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कार्रवाई की मांग की है.

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अमिताभ ठाकुर ने अपने बयान में कहा है की यह वीडियो सफाईकर्मियों से जुड़ी प्रिंसिपल सिक्योरिटी कंपनी के सुपरवाइजर विजेंद्र पांडेय से जुड़े बताए जाते हैं, जो टेक केयर ऑफिस के कहे गए हैं. उन्होंने बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में सफाईकर्मियों को लाठियां से मारने, उनसे मालिश करवाने, पांव दबवाने आदि से संबंधित वीडियो भेजते हुए उनके संबंध में जांच कर कार्यवाही की मांग की है. 

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ट्रामा सेंटर प्रभारी के करीबी है विजेंद्र?

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उन्हें दी गई जानकारी के अनुसार विजेंद्र पांडेय मौजूदा ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज के अत्यंत नजदीकी बताए जाते हैं और उन्हीं के नाम पर इस प्रकार के तमाम कार्य करते बताते गए हैं. उन्होंने इन स्थितियों को घोर आपत्तिजनक बताते हुए इनका संज्ञान लेकर इनकी जांच करा कर कठोर कार्रवाई की मांग की है.

मीडिया पर फोड़ा ठीकरा

मीडिया में मामले ने तुल पकड़ा तो सुपरवाइजर विजेंद्र पांडेय ने उन तमाम कर्मचारियों संग एक स्पष्टीकरण वीडियो बयान जारी किया. कहा की वह वीडियो कोरोना काल वर्ष 2021 का है. उनका कहना है की वह वीडियो उन दिनों का है जब 15-15 दिन रहकर हम सेवा देते थे. सभी कर्मचारी बारी- बारी एक ही बात कहते दिखाई दे रहे है की उस समय आखिर मीडिया कहा थी? तब क्यों नहीं मेरी सुधि ली जा रही थी? तब न तो कोई राजनेता और न ही कोई अधिकारी हमसे हमारा हाल जानने नहीं आया.