काशी के घाटों पर होने वाली गंगा आरती को लेकर डीएम का नया आदेश, नगर निगम में कराना होना रजिस्ट्रेशन...
वाराणसी, भदैनी मिरर। पिछले कई वर्षों से नए अस्सी घाट पर हो रही सायंकाल गंगा आरती के बाबजूद सुबह-ए-बनारस संस्था द्वारा अलग से उसी घाट पर शुरु किए गंगा आरती को लेकर उपजे विवाद पर डीएम वाराणसी ने नया आदेश दे दिया है। डीएम ने कहा है कि घाटों पर जितनी भी गंगा आरती होती है अब उसका रजिस्ट्रेशन नगर-निगम में कराना अनिवार्य होगा। डीएम ने कहा है कि गंगा नदी के किनारे के सार्वजनिक घाट स्थायी रूप से सार्वजनिक सम्पत्ति है और इसका स्वामित्व राज्य सरकार के पास है। नगर निगम क्षेत्र में स्वामित्व होने की वजह से गंगा घाटों का प्रबन्धन नगर निगम के पास है। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था आरती करने के नाम पर घाटों का अतिक्रमण न करें।
एक-एक वर्ष के लिए हो स्थान का आवंटन
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अपने पत्रानुसार नगर आयुक्त को बताया है कि कभी-कभी यह देखने में आता है कि कुछ लोग इन घाटों पर आरती को लेकर विवाद करते हैं। कुछ लोग नई आरती प्रारम्भ करते हैं तथा कुछ लोग उनका विरोध शुरू करते हैं। इस बारे में नगर निगम को बिल्कुल स्पष्ट व्यवस्था करनी चाहिए कि जितनी भी आरतियाॅं घाटों पर होती है उनका रजिस्ट्रेशन नगर निगम के द्वारा किया जाये तथा उन्हें स्थान का आवंटन भी नगर निगम के द्वारा एक-एक वर्ष के लिए किया जाना चाहिए तथा इसका नवीनीकरण प्रत्येक वर्ष किया जाना चाहिए। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि किसी भी घाट पर किसी भी निजी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा भविष्य में कोई भी आरती बिना नगर निगम की अनुमति के न किया जाये। यह भी चेक किया जाये कि एक ही संस्था या व्यक्तियों का समूह एक से अधिक घाटों पर आरती न करें। वर्तमान में जितनी आरतियाॅं गंगा नदी के घाटों पर 17 फरवरी की सायंकाल तक हुई थी, उनका रिकार्ड बनवाया जाये तथा आगामी एक माह में उनका रजिस्ट्रेशन कराया जाये। रजिस्ट्रेशन हेतु एक प्रपत्र भी नगर निगम की तरफ से डिजाईन करके जारी किया जाये। 31 मार्च तक यह कार्य पूर्ण किया जाये।
खुफिया जांच कराकर ही संस्था का करें रजिस्ट्रेशन
डीएम ने नगर निगम को निर्देशित किया कि सभी घाट हेतु एक नोडल अधिकारी भी नामित करें। प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु जो भी संस्था या व्यक्ति घाटों पर आरती किये जाने हेतु आवेदन करें अथवा नवीनीकरण कराएं, उनकी एलआईयू जांच तथा विभिन्न आवश्यक जांच पूरी कराते हुए उनके नवीनीकरण पर निर्णय लिया जाये। 31 मार्च के उपरान्त केवल वे ही व्यक्ति या संस्था घाटों पर आरती कर सकेंगे जिनका रजिस्ट्रेशन नगर निगम के द्वारा किया गया होगा। रजिस्ट्रेशन करते समय घाट पर आरती हेतु प्रयोग किया जाने वाला स्थान, आरती किये जाने वाले व्यक्तियों की संख्या आदि का उल्लेख भी रजिस्ट्रेशन फार्म में किया जाये। ताकि कोई भी व्यक्ति या संस्था आरती करने के नाम पर घाटों पर अतिक्रमण न करें तथा किसी भी दशा में घाटों का स्वामित्व बाधित करके उनके सार्वजनिक प्रयोग में बाधा डालने का कार्य न कर सके।