चेतगंज नक्कटैया मेला कल: 136वें संस्करण में ज्वलंत मुद्दों पर आधारित होगी झांकी, तैयारियां पूरी...
काशी के लक्खा मेलों में शुमार चेतगंज रामलीला समिति की विश्वप्रसिद्ध नक्कटैया मेला इस बार 13 अक्टूबर गुरूवार को है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी के लक्खा मेलों में शुमार चेतगंज रामलीला समिति की विश्वप्रसिद्ध नक्कटैया मेला इस बार 13 अक्टूबर गुरूवार को है. इस मेला इस वर्ष 136 वें वर्ष में प्रवेश कर रही है. इस मेले की खासियत यह है की इसमें समाज के ज्वलंत मुद्दों पर आधारित झांकियां लाग-स्वांग के माध्यम से प्रदर्शित की जाती है.
इस मेले की तैयारियों को अन्तिम रूप दे दिया गया है. नक्कटैया मेले का इस वर्ष भव्य रूप से आयोजन होगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि करवा चौथ पर यह मेला प्रतिवर्ष आयोजित होता है. मेले का उद्घाटन मंडलायुक्त/प्रभारी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा करेंगे. श्री चेतगंज रामलीला समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता व वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र गिरी ने बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में ये जानकारी दी.
यह है इस लीला का इतिहास
बनारस के पारंपरिक लक्खा मेलों में शुमार चेतगंज की नक्कटैया को भव्य रूप देने की शुरुआत अंग्रेजों की मुखालफत से हुई। बाबा फतेह राम अंग्रेजों के दमन पर आधारित लाग विमान इस नक्कटैया में शामिल करते थे और तत्कालीन अंग्रेज कलेक्टर से ही नक्कटैया के जुलूस का उद्घाटन कराते थे। उसी क्रम में अब भी कलेक्टर से ही जुलूस का उद्घाटन मध्यरात्रि 12 बजे कराया जाता है। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने भी नक्कैटया मेले को क्रांतिकारियों के वार्षिक सम्मेलन की जगह बना ली थी। चंद्रशेखर आजाद और उनके सभी क्रांतिकारी साथी मेलार्थी बनकर नक्कटैया में शामिल होते। चेतगंज क्षेत्र स्थित सरस्वती वाचनालय उनके मिलने की जगह हुआ करता था।इस ऐतिहासिक नक्कटैया मेले की शुरूआत 136 वर्ष पूर्व बाबा फतेहराम ने अंग्रेजों के अत्याचार के विरोधस्वरूप किया था।