रथयात्रा मेला: पीतवस्त्र धारी भगवान का दर्शन पाकर भक्त हो रहे निहाल, तीन दिवसीय मेला शुरु...
जय जगन्नाथ स्वामी जय जगन्नाथ... हरे कृष्णा- हरे कृष्णा- कृष्णा - कृष्णा हरे- हरे जैसे महामंत्र के साथ झूमते नाचते भक्तों की टोली के बीच 21 फीट चौड़े और 18 फीट ऊंचे रथ पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा, भाई बलराम के साथ आरूढ़ हुए तो पूरा रथयात्रा क्षेत्र हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा.
वाराणसी, भदैनी मिरर। ...जय जगन्नाथ स्वामी जय जगन्नाथ... हरे कृष्णा- हरे कृष्णा- कृष्णा - कृष्णा हरे- हरे जैसे महामंत्र के साथ झूमते नाचते भक्तों की टोली के बीच 21 फीट चौड़े और 18 फीट ऊंचे रथ पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा, भाई बलराम के साथ आरूढ़ हुए तो पूरा रथयात्रा क्षेत्र हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा. पूरा रथयात्रा क्षेत्र नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ की भक्ति में लीन है.
प्रधान पुजारी राधेश्याम पांडेय ने बताया कि प्रथम दिवस भोर 5:14 बजे सूर्योदय होने के साथ ही शकुटुंब भगवान जगन्नाथ की भव्य मंगला आरती की गई. भगवान को पीत वस्त्र धारण करवाया गया. इसके बाद भक्तों के कल्याणार्थ भगवान जगन्नाथ सबको दर्शन दे रहे है. बताया कि शास्त्रों के अनुसार रथ पर आरूढ़ भगवान जगन्नाथ के दर्शन से सभी की मनोकामना पूर्ण होती है. दोपहर आरती में भगवान को छप्पन प्रकार के व्यंजन का भोग लगाया जाएगा.
वहीं, रथयात्रा क्षेत्र में फूल माला की सजी दुकानों के साथ ही बच्चे के खिलौने, आकर्षण बने हुए है. सड़क के दोनों तरफ नानखटाई की भी दुकानें सजी हुई है. भगवान को भक्त नानखटाई का भी भोग लगा रहे है. उधर भजनों की धुनि भक्ति का संचार कर रही है.
बता दें, भक्तों के प्रेम में अत्यधिक स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए थे. जिसके बाद 15 दिन के अज्ञातवास के बाद भगवान 6 जुलाई (शनिवार) को मनफेर के लिए नगर भ्रमण पर निकले. अस्सी स्थित भगवान मंदिर से दुर्गाकुंड, खोजवा होते हुए रथयात्रा सापूरी भवन पहुंचे. जहां रथ और पालकी की आरती उतारी गई. भगवान रात्रि विश्राम के बाद 7 जुलाई (रथयात्रा) के पहले दिन से दर्शन दे रहे है. यह मेला अब तीन दिनों तक चलेगा.