फिर लगा विवादित पोस्टर: PM और CM को लेकर देर रात लगा अमर्यादित पोस्टर, विहिसे अध्यक्ष ने फेसबुक पर साझा किया वीडियो...
वाराणसी, भदैनी मिरर। कुछ दिन पहले सिगरा के कैंट के समीप लगाए गए पोस्टर के बाद अब फिर विश्व हिंदू सेना अध्यक्ष अरुण पाठक ने लंका और भेलूपुर थाना क्षेत्र के कई स्थानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अमर्यादित टिप्पणी के साथ पोस्टर लगाया है। देर रात लगाए गए पोस्टर के बाद अरुण पाठक ने इसका वीडियो अपने फेसबुक से साझा किया है और लिखा है कि देखते है लोकतंत्र में अपनी बात रखने पर और कितने मुकदमें दर्ज किए जाते है। इससे पहले भी 1 और 2 जुलाई को गाजीपुर और बलिया जिले में ऐसे ही पोस्टर चिपकाए गए थे।
सुबह होते ही तब हड़कम्प मच गया जब अरुण पाठक का फेसबुक वॉल सोशल मीडिया पर दौड़ने लगा। खुफिया विभाग (एलआईयू) से लेकर स्थानीय पुलिस पोस्टर के तस्दीक के लिए परेशान हो गई। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पुलिस अब एक बार फिर अरुण की तलाश शुरू कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है।
अरुण पाठक ने इस बार लंका और भेलूपुर थाना क्षेत्र में अलग-अलग जगह 5 जुलाई की देर रात विवादित पोस्टर लगवाए हैं। इसके साथ ही अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्टरों के वीडियो के साथ लिखा है कि मेरे लोगों ने कैंट स्टेशन के समीप पोस्टर लगाया तो सिगरा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया। अब लोकतंत्र में अपनी बात रखने पर एफआईआर होगा तो लीजिए लंका, बीएचयू गेट, रथयात्रा और अस्सी घाट सहित कई अन्य जगह पर पोस्टर लगवा दिया हुं। अब देखना है कि लोकतंत्र की हत्यारी योगी सरकार कहां-कहां एफआईआर दर्ज कराती है। वही डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने कहा कि लंका, सिगरा और भेलूपुर इंस्पेक्टर को निर्देशित किया गया है कि पोस्टर की जांच करें और प्रकरण में तत्काल कार्रवाई करें।
पोस्टर चिपकने से उठता सवाल
आखिर अरुण पाठक द्वारा पोस्टर चिपकाए जाने की घटना पहले सिगरा थाना क्षेत्र में हो चुकी है, जिसमें मुकदमा भी पंजीकृत है तो रात्रि गश्त के पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी ऐसी चीजों पर ध्यान क्यों नहीं दी? जांच का विषय यह भी होना चाहिए कि ऐसी आपत्तिजनक सामग्री किस प्रिंटिंग प्रेस में छप रही है? जब अरुण पाठक बनारस में है नहीं तो आखिर यह कौन लोग है जो पोस्टर चिपका रहे है?
पूर्व की घटना के बाद नहीं दिखे अरुण पाठक
जुलाई 2020 में नेपाल के प्रधानमंत्री द्वारा भगवान राम को नेपाली बताये जाने के बयान से खफा होकर अरुण पाठक ने एक नेपाली युवक का सिर मुड़वाकर जय श्री राम लिखवा दिया था। घटना के बाद भेलूपुर पुलिस ने मुकदमा लिखकर गिरफ्तारी की खूब कोशिश की लेकिन अरुण पाठक हाथ नहीं लगा, और हाइकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर ले आये। समय-समय पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विवादित पोस्टों से वह चर्चा में रहते है। हालांकि उन्हें कभी बनारस में किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं देखा गया।