कार्डियोलॉजिस्ट प्रो ओमशंकर ने की एमएस की PM मोदी से शिकायत, बोले–बीएचयू अस्पताल में बेड खाली होने के बावजूद नहीं दी जा रही भर्ती
बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के एमएस के खिलाफ कॉर्डियोलॉजिस्ट प्रो ओमशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति और स्वास्थ्य मंत्रालय से शिकायत की है।
वाराणसी,भदैनी मिरर। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के एमएस के खिलाफ कॉर्डियोलॉजिस्ट प्रो ओमशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति और स्वास्थ्य मंत्रालय से शिकायत की है। प्रोफेसर ओमशंकर ने प्रधानमंत्री को ट्वीट करके चिकित्सा अधीक्षक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, एसएसएच के हृदय रोग विभाग में नए बेड पर एडमिशन नहीं किए जा रहे हैं। सुपर शताब्दी भवन में बने नए जनरल वार्ड और सीसीयू में मरीजों का एडमिशन नहीं दिया जा रहा है। ह्रदय रोग विभाग के सेवा विस्तार की बात कही गई थी, मगर यहां तो मरीजों को ही बेड नहीं दिया जा रहा। प्रोफेसर ओमशंकर ने कहा, " BHU में हर महीने करीब 8 हजार ह्रदय रोगियों को बेड नहीं मिल रहा है। अब इस अव्यवस्था के चलते हम प्रधानमंत्री से पत्राचार की भी तैयारी करेंगे।"
प्रो. ओमशंकर ने एमएस प्रो. के के गुप्ता द्वारा दिए गए एमएमसी के गाइडलाइन के हवाला को भी नकार दिया। उन्होंने कहा कि प्रो. गुप्ता ने जानकारी दी थी कि गाइडलाइन के अनुसार जनरल मेडिसीन विभाग के पास पर्याप्त बेड नहीं है। प्रो. ओमशंकर ने कहा कि यह सच नहीं है। "गाइडलाइन के अनुसार यदि आपके इंस्टीट्यूट में हर साल 100 MBBS स्टूडेंट का एडमिशन हो रहा है, तो इस आधार पर वहां के जनरल मेडिसिन में 100 बेड होने चाहिए। BHU में इस समय जनरल मेडिसीन के पास 106 बेड हैं।
सेवा विस्तार के तहत वे अभी और 50 एक्स्ट्रा बेड की मांग कर रहे हैं। इसके लिए पुरानी बिल्डिंग में मौजूद ह्रदय रोग विभाग को सुपर शताब्दी भवन को पांचवें तल पर शिफ्ट करना चाहते हैं। जबकि, हमारी मांग है पांचवें तल के साथ ही पुरानी बिल्डिंग में जो पहले से एलोकेटेड वार्ड हैं, वहां के बेड भी दिए जाएं। जनरल सर्जरी और मेडिसिन को जरूरत से ज्यादा बेड दे दिया गया। आखिरकार, एम्स की तर्ज पर बीएचयू क्यों नहीं चल रहा है?'' बीएचयू में जनरल मेडिसिन में 54 बेड हैं। ह्रदय रोगियों के लिए 2 सौ बेड है।
प्रोफेसर ने एमएस प्रो. गुप्ता पर आरोप लगाया कि ब्लड बैंक में भ्रष्टाचार समेत कई विभागों में नर्सिंग स्टाफ के साथ बदसलूकी की है। वहीं, एमएस प्रो. केके गुप्ता ने आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि सभी विभागों को उपयुक्त संख्या में बेड की व्यवस्था की गई है। ह्रदय रोग विभाग को शताब्दी भवन के पांचवें तल पर शिफ्ट होना है। उससे पहले पुरानी बिल्डिंग में मौजूदा जगह छोड़ने होंगे। वहां पर कायाकल्प के तहत नए निर्माण होने हैं।