ब्रांडेड घड़ियों का ड्यूप्लिकेट बनाकर करते थे व्यापार, पुलिस छापेमारी में हुआ भंडाफोड़...

ब्रांडेड घड़ियों का ड्यूप्लिकेट बनाकर करते थे व्यापार, पुलिस छापेमारी में हुआ भंडाफोड़...

वाराणसी,भदैनी मिरर। पूर्वांचल की सबसे बड़ी बाजार कहे जाने वाली चौक की दालमंडी में ब्रांडेड घड़ियों के नाम पर ड्यूप्लिकेट बनाकर बड़े पैमाने पर की जा रही खरीद-फरोख्त का भंडाफोड़ शुक्रवार शाम पुलिस ने किया। लगातार मिल रही शिकायत के बाद टाटा वॉचेज की विजलेंस टीम के गौरव तिवारी और महेंद्र तिवारी थाने पहुंचकर इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद सीओ दशाश्वमेघ अवधेश पांडेय के नेतृत्व में चौक इंस्पेक्टर डॉ. आशुतोष तिवारी ने दालमंडी चौकी इंचार्ज सौरभ पाण्डेय, काशीपुर चौकी इंचार्ज स्वतंत्र सिंह, हेड कांस्टेबल मुलायम कन्नौजिया, कांस्टेबल मानस तिवारी, कपूर चन्द्र और विजलेंस टीम के साथ छापेमारी की। टीम ने घुनघरानी गली स्थित हीरानन्द हिमानी की दूकान पर छापेमारी कर लाखो की नकली सोनाटा, टायटन और फ़ास्टट्रैक घडियो को बरामद कर  हीरानन्द हिमानी को हिरासत में ले लिया। वही दूसरे स्थान दालमंडी स्थित अरविन्द सिंह कटरे में बड़े घडी कारोबारी मो. शाहनवाज़ उर्फ मीनू के दुकान पर छापेमारी की कार्यवाही में कई निर्मित और कई अर्धनिर्मित सोनाटा, टायटन और फ़ास्टट्रैक की नकली घड़ियाँ बरामद हुई।


छापेमारी के बाद यह साफ हुआ कि यह केवल डूप्लीकेट घड़ी की नही बनाते थे बल्कि कंपनी का बारकोड भी कूटरचित तरीके से बनाते थे। क्षेत्र में पुलिस की सटीक छापेमारी से हड़कम्प मचा हुआ है। पुलिस दोनों दुकानदारो को हिरासत में लेकर आगे की वैधानिक कार्यवाही कर रही है। पुलिस को लाखों रुपए के हजारों घड़ियां बरामद हुई है। बताते चले कि  जनवरी माह में भी बनारस में छापेमारी भी हुई थी, जिसमे काफी माल बरामद हुआ था। मगर इसके मुख्य सप्लाईकर्ता उस समय छापेमारी में बच गए थे। इसी कड़ी में टाटा वाचेस के विजलेेेस टीम के द्वारा प्रकरण में अपनी सुरगगशी जारी रही।

 
इस मामले में कंपनी के लीगल विजलेंस टीम के एक सदस्य गौरव ने बताया कि इस प्रकरण की नकली घडियो को बनाने के लिए एक एक पार्ट अलग अलग मंगवाया जाता है। इसके बाद इसको ये दुकानदार अपनी दुकानों पर ही असेम्बल करते है। इसके बाद कंप्यूटर से कूट रचित बारकोड भी लगा दिया जाता है ताकि ग्राहक को शक न हो। इसके बाद ग्राहक को बड़े डिस्काउंट के लालच में बेस प्राइस से 30-40 प्रतिशत की छुट का लालच देकर बेच दिया जाता है। उन्होने बताया कि इस प्रकार की नकली घडियो की पहचान आम जनता के लिए थोडा मुश्किल रहती है। नकली घड़ियाँ वज़न में कम होती है। साथ ही उसकी फिनिशिंग भी थोडा शक के दायरे में ला सकती है। बारकोड हर वर्ष कंपनी बदलती है। जिसको ये नकली कारोबार करने वाले नही बदल पाते है। बताया कि लगन और त्योहारों के मौके पर ये लोग अपना कारोबार काफी तेज़ी के साथ फैलाते है। कंपनी ऐसी शिकायतों को हेड क्वाटर स्तर से संज्ञान लेती है। ऐसी छापेमारी जारी रहती है।