एनोरेक्टल (गुदा और मलाशय) बीमारियों का होगा लेजर विधि से ऑपरेशन, अब मरीजों को नहीं होना पड़ेगा परेशान, आयोजित हो रहा लाईव वर्कशॉप
वाराणसी, भदैनी मिरर। पहली बार लेजर (Laser) विधि द्वारा एनोरेक्टल बीमारियों (Anorectal Disease) गुदा और मलाशय की बीमारियों के ऑपरेशन की शुरुआत वाराणसी के ककरमत्ता डीएलडब्ल्यू स्थित पॉपुलर हॉस्पिटल में होने जा रहा है। इस अत्याधुनिक इलाज को लेकर रविवार (19 सितंबर) को वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। इसकी जानकारी अस्पताल के निदेशक डॉ. ए. के. कौशिक ने दी। इस वर्कशॉप में देश के विभिन्न शहरों से आये प्रख्यात सर्जन्स द्वारा गुदा एवं मलाशय संबंधित रोगों का ऑपरेशन द्वारा इलाज करेंगे।
डॉ. ए. के. कौशिक ने बताया कि इस वर्कशॉप में एसोसिएशन ऑफ कोलोरेक्टल सर्जन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. निरजन अग्रवाल, सचिव डॉ कुशल मित्तल, प्रो. अरशद अहमद एवं डॉ. कमल गुप्ता सम्मिलित होंगे।
यह वर्कशॉप एसोसिएशन ऑफ सर्जन वाराणसी चेप्टर एवं पॉपुलर हॉस्पिटल द्वारा आयोजित की गई है। पूर्वांचल के सुप्रसिद्ध लेपास्कोपिक सर्जन एसोसिएशन ऑफ सर्जन वाराणसी चेप्टर के सचिव डॉ. एके कौशिक ने बताया कि अब लेजर विधि से गुदा और मल द्वार सबंधित रोगों का संपूर्ण इलाज होगा जिसमें प्रमुख बीमारियां बवासीर, भगंदर, एनल फिस्टुला, एनल फिशर, रेक्टल प्रोलैप्स और पिलोमाइडल साइनस इत्यादि है।
लेजर (Laser) विधि से इलाज के फायदें
डॉ कौशिक ने इस विधि से इलाज के फायदें बताते हुए कहा कि इस लेजर विधि द्वारा ऑपरेशन का लाभ है कि इसमें छोटा आपरेशन होता है जिससे जल्दी आराम मिलता है। मरीज को जल्द से अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, मरीज सामान्य जीवन शैली 3-4 दिनों में शुरू कर देता है, इसमें कोई चीरा व निशान नही होता, बेहद कम रक्तसाव, बेहद कम दर्द, रोग के दुबारा होने का खतरा न के बराबर, उच्च सफलता दर, सटीक उपचार होता है। डा कोशिक ने यह भी बताया कि ऑपरशन यूरोपियन देश पालैंड में बनी हुई लेजोट्रॉनिक्स मशीन द्वारा होगा। बहुत ही न्यूनतम दरों में मरीजो को उच्चतम गुणवत्ता का वो उपचार वाराणसी में उपलक्षा हो सकेगा जिसके लिए पहला मरीजों को दिल्ली मुबई जैसे बड़े शहरों में जाकर बहुत ही अधिक शुल्क व परेशानियों में इलाज करवाना पड़ता था। बताया कि कार्यशाला में देश के जाने-माने चिकित्सक वाराणसी और आसपास के चिकित्सकों इस नई तकनीक से
सर्जरी करने की विधा को सीखेंगे और इस कार्यक्रम का प्रसारण भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया के सभी देशों में होगा।