₹10 लाख के जाली नोट बरामद होने के मामले में आरोपी को 10 साल के कठोर कैद की सजा...

अपर सत्र न्यायाधीश (पंचम) की अदालत ने गया निवासी अभियुक्त का दोष पाते हुए 10 साल की कठोर कैद और अर्थदंड से दंडित किया है. आरोप था की अभियुक्त भारतीय अर्थव्यवस्था को छिन्न - भिन्न करने के लिए जाली नोट की लेनदेन करना चाहता था.

₹10 लाख के जाली नोट बरामद होने के मामले में आरोपी को 10 साल के कठोर कैद की सजा...

वाराणसी, भदैनी मिरर। एटीएस द्वारा वर्ष 2012 में कैंट थाना क्षेत्र के एक होटल के समीप से घेरेबंदी कर युवक के पास से 10 लाख रुपए के जाली नोट बरामद होने के मामले में कोर्ट ने गया निवासी अभियुक्त को 10 वर्ष की कठोर कैद और अर्थदंड से दंडित किया है. यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश (पंचम) मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने सुनाई है.

अभियोजन के मुताबिक पुलिस उपाधीक्षक एटीएस पूर्वी जोन अनुराग दर्शन ने 29 नवंबर 2012 को मुखबीर की सूचना पर वाराणसी के कैंट स्थित एक होटल के समीप घेरेबंदी की. इसी दौरान एक युवक पिट्ठू बैग लेकर संदिग्ध हालत में जाते दिखा. उसे रोककर जब उसका नाम-पता पूछा गया तो उसने प्रभात कुमार अग्रवाल निवासी गया बताया. जब बैग की तलाशी ली गई तो उसमें जाली नोटों का जखीरा बरामद हुआ.

प्रभात के बैग से एटीएस को एक हजार के 850 और 500 के 300 जाली नोट बरामद हुए थे. एटीएस ने उसके बाद अभियुक्त और बरामद पैसे को अग्रिम कार्रवाई के लिए कैंट थाने में दाखिल कर दिया. अदालत ने कहा कि स्पष्ट रूप से जाली नोटों को वाराणसी में खपाने का उसका उद्देश्य था. अभियोजन ने सजा के बिंदु पर कहा कि प्रभात जाली नोटों के कारोबार में कई वर्षों से संलिप्त था. उसे कठोरतम दंड दिया जाए. ऐसे में अभियुक्त को 10 वर्ष की कड़ी कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई गई. कोर्ट में एडीजीसी ओमकार नाथ तिवारी ने पक्ष रखा.