नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में अराजकता फैलाने वाले 4 अन्य गिरफ्तार, पथराव में गई थी मासूम की जान...
नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में वर्ष 2019 में बजरडीहा के फारूखी नगर में अफवाह फैला कर उपद्रव किया गया था. जिसमें पुलिस के ऊपर पथराव भी हुए थे. पुलिस ने लाठीचार्ज कर माहौल शांत किया था. उसी मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में बजरडीहा के फारुकी नगर में अफवाह फैलाकर उपद्रव करने वाले चार अन्य लोगों को भी भेलूपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इन चारों की पहचान मामले की विवेचना के दौरान फोटो और अखबार के माध्यम से हुई है। गिरफ्तार होने वालों में सोनू नेता उर्फ परवेज आलम निवासी बड़ी पटिया बजरडीहा, मुन्नू निवासी मुर्गिया टोला बजरडीहा, बुलबुल उर्फ मोहम्मद अंसार मुर्गिया टोला बजरडीहा और मौसिम अहमदनगर मुर्गिया टोला बजरडीहा है। इनकी गिरफ्तारी मंगलवार की रात 10 बजे मकदूम बाबा बड़ी पटिया बजरडीहा से हुई है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक जगदीश यादव थाना भेलूपुर, उप निरीक्षक अजय वर्मा चौकी प्रभारी बजरडीहा, उप निरीक्षक जगदम्बा सिंह, उप निरीक्षक कृष्ण कुमार वर्मा, कांस्टेबल संदीप सिंह, कांस्टेबल संदीप सिंह, कांस्टेबल अजय यादव और कांस्टेबल कपिल देव वर्मा शामिल रहे।
पथराव और लाठीचार्ज में गई थी मासूम की जान
नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में 20 दिसंबर को धारा 144 लागू होने के बाद भी माहौल अराजक हो गया था। प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद कुछ युवक शोर मचाते हुए दौड़ पड़े जिसके बाद पथराव शुरु हो गया था। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डीएम कौशलराज शर्मा और तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी को लाठीचार्ज के आदेश देने पड़े थे।
पथराव में 9 पुलिसकर्मी व 14 अन्य लोग घायल हुए थे। घायलों को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था जिसमें भगदड़ में घायल मोहम्मद सगीर(8) की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
20 नामजद सहित ढ़ाई हजार अज्ञात पर दर्ज हुई थी FIR
घटना के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी ने कड़े रुख अख्तियार किए थे। घटना के बाद ही जिले की इंटरनेट सेवा भी दो दिनों तक बाधित की गई थी। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 20 नामजद सहित ढ़ाई हजार अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 188, 298, 332, 353, 153-A, 333, 304-A के अलावा 7-सीएलए एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था। उस वक्त बच्चों को आगे करके कुछ अराजक तत्वों ने अपनी राजनीतिक रोटी सेकने की कोशिश की थी। हालांकि जिला प्रशासन ने कम समय में ही माहौल को शांत करवा लिया था।