भर्ती मरीजों के तीमारदारों से ऐंठता था पैसे: ब्लड, प्लेटलेट्स और एंटीडोज इंजेक्शन के नाम लगाता था चुना, ऐसे निकालता था पूरा डिटेल्स...

एसटीएफ द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक गिरफ्तार राहुल ठाकुर उर्फ करीम खुद को डा. पुनीत, डा. फरदीन खान या डा. विवेक के नाम से परिचय बताता था.

भर्ती मरीजों के तीमारदारों से ऐंठता था पैसे: ब्लड, प्लेटलेट्स और एंटीडोज इंजेक्शन के नाम लगाता था चुना, ऐसे निकालता था पूरा डिटेल्स...

वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी, पीजीआई लखनऊ, एम्स दिल्ली सहित कई प्रसिद्ध अस्पतालों में भर्ती मरीजों का डेटा सोशल मीडिया से प्राप्त कर खुद को अस्पताल का हेड बताते हुए एंटीड़ोज, ब्लड और प्लेटलेट के नाम पर पैसे ऐंठने वाला फ्रॉड राहुल ठाकुर उर्फ करीम निवासी शाहपुर बम्बेहटा थाना कविनगर जनपद गाजियाबाद को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने थाना सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने नौ फोन के साथ तीन मेदांता अस्पताल का कुटरचित आईडी कार्ड बरामद किया है. 

मरीज की हालत क्रिटिकल बताकर ऐंठता था पैसा

एसटीएफ द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक गिरफ्तार राहुल ठाकुर उर्फ करीम खुद को डा. पुनीत, डा. फरदीन खान या डा. विवेक के नाम से परिचय बताता था. वह पीजीआई लखनऊ, एम्स दिल्ली, भोपाल और वाराणसी, अम्बानी हॉस्पिटल दिल्ली, सेन्ट्रल हास्पिटल झाारखण्ड, टाटा मुम्बई, मेदान्ता गुडगाॅव और लखनऊ, फोर्टीज, मनिपाल, अपोलो/कलिंगा, एस.एस.बी., बीएल कपूर, दयाराम अस्पताल में भर्ती मरीजों का डेटा सोशल मीडिया से प्राप्त कर अस्पताल का एचओडी, डाक्टर या टीम इंचार्ज बनकर मरीजों के तीमारदारों को काल कर मरीज की कन्डीसन क्रिटिकल होने की बात कहकर एन्टीडोज के इन्जेक्शन बाहर से मंगवाने, ब्लड और प्लेटलेट देने के नाम पर फर्जी नाम पते पर खोले गये बैंक खातों या वालेट में रूपये जमा कराकर लगभग सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है. एसटीएफ के मुताबिक मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित कर अवध शिल्पग्राम लखनऊ से सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ पुलिस को साथ लेकर गिरफ्तार किया गया. 

मदद के नाम पर करता था ब्लैकमेल 

 पूछताछ पर गिरफ्तार राहुल ठाकुर उर्फ करीम ने बताया कि वह राजा नाम के व्यक्ति के साथ हिन्दूराव हास्पिटल दिल्ली में ब्लड बैंक में दलाली का काम करता था. राजा ने करोना काल के दौरान उसे बताया कि सोशल मीडिया के ब्लड डोनेट ग्रुपों से जुड जाओ वहाॅ पर क्रिटिकल कंडीशन के मरीजों के लिए लोग मदद मांगते हैं तथा अपना मोबाइल नम्बर भी लिखते हैं. मैं उन ब्लड डोनेट ग्रुपों से फेसबुक, ट्वीटर, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया के माध्यम से फेक एकाउन्ट बनाकर जुड़ गया. इसके बाद जिन लोगों द्वारा मदद के लिए पोस्ट की जाती थी, उनके मोबाइल नम्बर पर काल कर मरीज की जानकरी प्राप्त कर लेता था, फिर डा. पुनीत, डा. फरदीन खान, डा. विवेक आदि नाम से मरीज के तीमारदारों को काल कर मरीज की जानकरी देते हुए मरीज की कंडीशन क्रिटिकल होने की बात बताकर बातों में फंसाकर तत्काल बाहर से एन्टीडोज मंगवाने, ब्लड, प्लेटलेट आदि की व्यवस्था करने के लिए फर्जी तरीके से खोले गये बैंक खातों में रूपये जमा करा लेता था. इसके बाद विभिन्न यूपीआई व एटीएम के माध्यम से रूपये निकाल लेता था. राहुल ठाकुर ने बताया की अब तक लगभग सैकड़ों लोगों से अधिक ठगी की जा चुकी है.